राकेश्वर (Rakeshwar Singh Manhas) ने बताया कि उनके हाथ-पैर 6 दिन के बाद खोले गए थे। इस बीच केवल खाना खाने के लिए उनके हाथ पैर खोले जाते थे।
जम्मू कश्मीर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले के बाद नक्सलियों के चंगुल से रिहा हुए सीआरपीएफ के कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मनहास (Rakeshwar Singh Manhas) ने अपने अनुभव के बारे में बताया है। उन्होंने कहा कि वह अपने उन दिनों की याद को भूलना चाहते हैं।
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राकेश्वर ने बताया कि नक्सलियों ने उन्हें 6 दिनों में किसी एक जगह नहीं रखा बल्कि नक्सली लगातार ठिकाना बदलते रहे। उन्होंने बताया कि नक्सलियों ने उनकी आंखों पर पट्टी बांधी हुई थी और उनके हाथ-पैर बंधे हुए थे।
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