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झारखंड: नक्सलवाद पर नकेल कसने की तैयारी, प्रशांत मांझी के बाद 10 लाख का इनामी सुधीर किस्कू गिरफ्तार

सांकेतिक तस्वीर।

Naxalites News: ताला मरांडी की मौत के बाद संथाल परगना में अपनी पैठ जमाने के लिए प्रशांत मांझी और उसकी पत्नी प्रभा उर्फ जया के साथ-साथ सुधीर किस्कू उर्फ सुलेमान अंसारी ने कड़ी मेहनत की थी और संगठन को खड़ा करने में दिन-रात कोशिश की जा रही थी।

गिरिडीह: झारखंड में नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ अभियान जारी है। इस बीच खबर मिली है कि 10 लाख के इनामी नक्सली प्रशांत मांझी और उसकी पत्नी प्रभा उर्फ जया की निशानदेही पर दुमका में कई हार्डकोर नक्सली (Naxalites) गिरफ्तार किए गए हैं। इनमें 10 लाख का इनामी नक्सली सुधीर किस्कू उर्फ सुलेमान अंसारी भी है।

दरअसल 10 लाख के इनामी नक्सली प्रशांत मांझी को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस इन्हें संथाल परगना ले गई थी, जहां इनकी निशानदेही पर गुमला से नक्सली गिरफ्तार हुए।

बता दें कि ताला मरांडी की मौत के बाद संथाल परगना में अपनी पैठ जमाने के लिए प्रशांत मांझी और उसकी पत्नी प्रभा उर्फ जया के साथ-साथ सुधीर किस्कू उर्फ सुलेमान अंसारी ने कड़ी मेहनत की थी और संगठन को खड़ा करने में दिन-रात कोशिश की जा रही थी।

3 दिन पहले ही पुलिस ने गिरिडीह जिले के पर्वतपुर से छोटेलाल हांसदा, रंजीत टूडू ,उज्जवल गंजू रतीलाल सोरेन ,और उसकी बहन मंगली सोरेन को भी गिरफ्तार किया था। रतीलाल सोरेन और उसकी बहन को खुखरा से गिरफ्तार किया गया था, जबकि अन्य को पर्वतपुर से गिरफ्तार किया गया था।

इन गिरफ्तार नक्सलियों से पूछताछ के क्रम में पुलिस ने एके-47 सहित करवाइन और अन्य विस्फोटक  का जखीरा भी बरामद किया है।

बता दें कि पारसनाथ के माओवादी लीडरों ने हमेशा संथाल परगना में संगठन की कमान संभाली है । भाकपा माओवादी के केंद्रीय समिति सदस्य प्रवीर ने संथाल में लाल झंडा को संभालने का बीड़ा उठाया था।

तत्कालीन पाकुड़ एसपी अमरजीत बलिहार की हत्या के बाद दुमका के तत्कालीन एसपी अनूप टी मैथ्यू ने प्रवीर को गिरफ्तार किया था। इस मामले में प्रवीर और सनातन को फांसी की सजा पूर्व में ही सुनाई जा चुकी है।

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पुलिस को पहले इस बात का पता नहीं था कि गिरिडीह के हार्डकोर नक्सलियों का दबदबा संथाल परगना में भी चलता है। परवीन दा के पकड़ने के बाद यह बात सामने आई थी। इसके बाद पुलिस के रडार पर पारसनाथ के कई हार्डकोर नक्सली चढ़ गए।

बता दें कि संथाल परगना में माओवादियों का अपना केवल एक मात्र चेहरा था जो ताला मरांडी के नाम से जाना जाता था। उसे एसपी किशोर कौशल ने मुठभेड़ में मार गिराया था।

13 जनवरी 2019 को छतापाड़ा के जंगल में ताला मरांडी को मुठभेड़ में मार गिराया गया था। उसकी मौत के बाद तत्कालीन एसपी के सामने 12 हार्डकोर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था। इसमें कई महिला नक्सली भी थीं।

इधर सुधीर किस्कू की निशानदेही पर गिरिडीह और दुमका पुलिस मिलकर बाकी नक्सलियों को पकड़ने में जुटी हुई है।