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संगठन में हो रही प्रताड़ना से आ गए थे तंग, 13 लाख के इनामी नक्सली दंपत्ति ने किया सरेंडर

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित राजनांदगांव जिले में एक कुख्यात नक्सली दम्पत्ति (Naxali Couple) ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। यह नक्सली दम्पत्ति पर सरकार की ओर से लाखों रुपये के इनाम की घोषणा की गई थी। राजनांदगांव जिले के पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, जिले में नक्सली एरिया कमेटी के सचिव गैंदसिंह कोवाची (35) और उसकी पत्नी रमशीला धुर्वे (22) ने 14 मार्च को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।

सांकेतिक तस्वीर।

13 लाख का इनाम था घोषित: इस नक्सली पति-पत्नी (Naxali Couple) के सिर पर कुल 13 लाख रूपए का इनाम घोषित था। रमशीला धुर्वे पर पांच लाख रुपये और उसके पति गैंदसिंह कोवाची पर आठ लाख रुपये का इनाम घोषित है। अधिकारियों के अनुसार, नक्सलियों ने माओवादियों की खोखली विचारधारा और बड़े नक्सलियों द्वारा आदिवासियों की प्रताड़ना से त्रस्त होकर आत्मसमर्पण करने का फैसला किया।

घायल नक्सलियों का करती थी इलाज: नक्सली गैंदसिंह कोवाची के खिलाफ हत्या, लूट, डकैती और कई अन्य नक्सली घटनाओं में शामिल होने का आरोप है। वहीं, कोवाची की पत्नी धुर्वे एरिया कमेटी और जोनल मेडिकल टीम की सदस्य थी। वह मुठभेड़ में घायल नक्सलियों को इलाज की सुविधा मुहैया कराती थी।

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इस नक्सली दंपति (Naxali Couple) को 10-10 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली दंपत्ति को राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत पूरी सहायता की जाएगी। बता दें कि केंद्र सरकार और राज्य सरकारें नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। छत्तीसगढ़ सरकार इसके लिए हर स्तर पर प्रयासरत है। 

पुलिस प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। नक्सलियों के धर-पकड़ के साथ-साथ उनके आत्मसमर्पण के लिए भी प्रशासन की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। हाल ही में दंतेवाड़ा पुलिस ने एक नए मुहिम की शुरूआत की है। इस मुहिम का मकसद नक्सलियों और भटके हुए लोगों को मुख्यधारा से जोड़ना है।

इस मुहिम को पुलिस ने गोंडी में ‘नन लोन वायम तन’ नाम दिया है, जिसका मतलब है- ‘घर वापस आ रहा हूं’। इसके तहत पुलिस ऐसे नक्सली (Naxali) लीडरों के घर पहुंचकर उनके परिजनों से मुलाकात कर रही है। इसके अलावा परिजनों की जरूरतों को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।