जो नक्सली (Naxalites) सरेंडर कर वापस लौट रहे हैं, उन्हें सरकारी योजनाओं के तहत गांव में ही रोजगार दिया जा रहा है, इससे वह आराम से अपने घर का खर्चा चला सकते हैं।
छत्तीसगढ़ का दंतेवाड़ा एक नक्सल (Naxalites) प्रभावित क्षेत्र है। लेकिन राहत की खबर ये है कि यहां की पुलिस की ओर से चलाए जा रहे लोन वर्राटू अभियान को लगातार कामयाबी मिल रही है।
पुलिस की अपील और नक्सलियों के परिजनों द्वारा समझाए जाने पर नक्सली संगठनों से युवाओं का मोह भंग हो रहा है और वह मुख्यधारा में वापस लौट रहे हैं।
बस्तर के आदिवासियों ने नक्सली संगठनों को छोड़कर वापस लौटना शुरू कर दिया है। लोन वर्राटू अभियान (घर वापस आइए) के तहत बीते 70 दिनों में 108 नक्सलियों ने सरेंडर किया है।
पुलिस द्वारा चलाए जा रहे लोन वर्राटू अभियान के तहत अगर कोई शख्स मुख्यधारा में वापस लौटता है, तो उसे सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाता है, जिससे वह वापस एक नई जिंदगी की शुरुआत कर सकें। यही वजह है कि नक्सली सरेंडर कर मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं।
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जो नक्सली सरेंडर कर वापस लौट रहे हैं, उन्हें सरकारी योजनाओं के तहत गांव में ही रोजगार दिया जा रहा है, इससे वह आराम से अपने घर का खर्चा चला सकते हैं।
दंतेवाड़ा के एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, ‘ नक्सली और उनके परिजनों पर लोन वर्राटू अभियान का असर दिख रहा है। उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। वह अब अपने घर पर रहकर ही रोजगार शुरू कर रहे हैं। इस अभियान के तहत अब तक 108 नक्सलियों ने सरेंडर किया है और अब वह एक आम जिंदगी बिता रहे हैं।’
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