नक्सलियों (Naxalites) द्वारा सताए गए लोगों को जब अपनी बात कहने के लिए मंच मिला, तो उन्होंने खुलकर अपने साथ हुए अत्याचार के बारे में बताया। किसी के पिता ने नक्सलियो की प्रताड़ना से तंग आकर सुसाइड कर ली, तो किसी परिवार के शख्स की नक्सलियों ने हत्या कर दी।
दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है, फिर भी नक्सली अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। गुरुवार को विश्व मानवाधिकार दिवस के मौके पर आयोजित एक संगोष्ठी में जनता ने जब नक्सलियों की करतूतें बताईं तो लोगों में गुस्सा साफ दिखाई दिया।
दरअसल नक्सलियों (Naxalites) द्वारा सताए गए लोगों को जब अपनी बात कहने के लिए मंच मिला, तो उन्होंने खुलकर अपने साथ हुए अत्याचार के बारे में बताया। किसी के पिता ने नक्सलियो की प्रताड़ना से तंग आकर सुसाइड कर ली, तो किसी परिवार के शख्स की नक्सलियों ने हत्या कर दी। ऐसे तमाम मामले इस संगोष्ठी में सामने आए। करीब 25 परिवारों को तो नक्सलियों के डर की वजह से गांव छोड़ना पड़ा।
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इस दौरान नक्सल पीड़ित लोगों ने सरकार और प्रशासन से राहत की भी मांग की। इस मौके पर सीआरपीएफ डीआईजी विनय कुमार सिंह, कलेक्टर दीपक सोनी, एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव, एएसपी उदय किरण, राजेन्द्र जायसवाल, एसडीओपी चंद्रकांत गवर्णा, डीएसपी अमर सिदार, आशा रानी, टीआई गोविंद साहू, अजय अन्य मौजूद रहे।
सभी अधिकारियों ने ग्रामीणों और पीड़ितों को मदद का भरोसा दिलाया और कहा कि सरकार की योजनाओं का उन्हें जल्द से जल्द फायदा मिलेगा।
इस मौके पर एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने कहा कि नक्सली ऊपरी तौर पर मानव अधिकारों की बात करते हैं और अंदरूनी तौर पर ग्रामीणों को उनकी मर्जी से सांस भी नहीं लेने देते। ये नक्सली ग्रामीणों से उनका सामान छीनते हैं, उनकी पिटाई करते हैं और उन्हें चीटियों से कटवाते हैं, क्या ये मानवाधिकार है? एसपी ने कहा कि पुलिस के जवान पूरी तरह से जनता के साथ हैं।