बिहार के गया जिले में सशस्त्र सीमा बल (SSB) 29वीं वाहिनी बीबी पेसरा कैंप में भाकपा माओवादी के हार्डकोर नक्सली (Naxali) अखिलेश यादव ने 1 फरवरी को आत्मसमर्पण कर दिया। वह धनगाई थाना के लटकूटा गांव का रहने वाला है। यह जानकारी एसएसबी (SSB) कैंप के सहायक कमांडेंट नागेश्वर दास ने दी।
उन्होंने बताया कि कमांडेंट राजेश कुमार सिंह के निर्देश पर धनगाई थानाध्यक्ष मुन्ना कुमार तथा एसएसबी के जवान लगातार नक्सली (Naxali) अखिलेश यादव को गिरफ्तार करने के लिए उसके घर पर दबिश दे रहे थे। वह काफी समय से फरार चल रहा था। पुलिस के दबाव के कारण उसने कैंप आकर सरेंडर कर दिया। सहायक कमांडेंट के मुताबिक, वह नक्सली मामले का अभियुक्त है। उस पर झारखंड के हंटरगंज थाने में मामला दर्ज है। अखिलेश नक्सली संगठन के कई शीर्ष नेताओं का करीबी है। गिरफ्तारी के बाद उसे हंटरगंज पुलिस को सौंप दिया गया, जिसके बाद हंटरगंज थाना पुलिस ने 2 फरवरी को अखिलेश यादव को चतरा जेल भेज दिया।
अखिलेश की पत्नी मीना देवी के मुताबिक, वह बनारस में रहकर अपना रोजी-रोटी चला रहा था। हाल ही में वह घर आया था। बात दें कि पुलिस और सुरक्षाबल नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चला रहे हैं। नक्सलियों पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। इससे पहले बिहार के मुंगेर में हुए बहुचर्चित करेली नरसंहार की नामजद आरोपी महिला नक्सली (Naxali) ने एसपी लिपि सिंह के कार्यालय पहुंच कर 27 जनवरी को आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करने वाली नक्सली की पहचान मीणा देवी उर्फ मैनी देवी के रूप में हुई। वह लड़ैयाटांड थाना क्षेत्र के मथुरा गांव की रहने वाली है।
नक्सली (Naxali) मैनी देवी धरहरा थाना में दर्ज कांड संख्या 74/11 की नामजद आरोपी है। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस सालों से प्रयास कर रही थी। बता दें कि साल 2011 में नक्सलियों (Naxali) ने करेली गांव पर हमला बोल कर छह लोगों की हत्या कर दी थी। इस घटना को लेकर करेली निवासी विनोदी राय के बयान पर धरहरा थाना में कांड संख्या 74/11 दर्ज किया गया था। जिसमें 22 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया था। जिसमें से कई नक्सलियों ने पुलिस अथवा न्यायालय के समक्ष आत्मसर्मपण किया था। अब तक इस मामले में 18 लोगों को जेल भेजा जा चुका है।