Hindi News (हिंदी समाचार), News in Hindi, Latest News In Hindi

नक्सल प्रभावित इलाके में बंजर जमीन पर लहलहा रहे हरे-भरे खेत

गारू प्रखंड के सीमा खास के किसान संतू उरांव ने अपनी मेहनत के बूते नक्सल प्रभावित गांव की बंजर भूमि को हरा-भरा कर दिया है।

नक्सल प्रभावित इलाकों में सरकार के साथ-साथ आम जनता भी क्षेत्र के विकास में अपनी भागीदारी निभा रही है। झारखंड के नक्सल ग्रस्त लातेहार के गारू प्रखंड के किसान संतू उरांव ने अपनी मेहनत के बूते नक्सल प्रभावित गांव की बंजर भूमि को हरा-भरा कर दिया है। संतू ने कभी बंजर रहे इन खेतों को मक्का और सब्जियों से लहलहा दिया है। यह संतू की दो साल की मेहनत का नतीजा है। संतू के अनुसार, दो साल पहले यह दो एकड़ जमीन बंजर थी। उन्होंने कड़ी मेहनत के बाद इस बंजर जमीन को खेती के काबिल बनाया। जिसका परिणाम है मौसमी-फसल और सब्जियों की पैदावार से लाखों रूपये की आमदनी हो रही है।

वह बताते हैं कि गर्मी के मौसम में खेती के लिए सिंचाई की समस्या उत्पन्न हो जाती थी। लेकिन इसके समाधान के लिए उन्होंने सरकार की मनरेगा योजना की मदद से एक कुएं का निर्माण कराया। इससे फसलों की सिंचाई करने में काफी सहायता मिली। कुंआ बनने के बाद उन्होंने पहले से अधिक जमीन में खेती करना शुरू कर दिया। सिंचाई के लिए पास का नाला भी मददगार साबित होता है। इस भीषण गर्मी के मौसम में भी खेत का बड़ा हिस्सा मक्का के अलावा नेनुआ, भिंडी, खीरा, करेला, बोड़ी और टमाटर जैसी सब्जियों से लहलहा रहा है।

इसके अलावा खेत के मेड़ पर आधा दर्जन आम के पेड़ लगे हैं, जो उन्नत किस्म के हैं। सभी पेड़ों में फल भी लग चुका है। संतू की खेती कि एक विशेषता और भी है कि मक्का की खेती हो या सब्जियों की खेती, वह रासायनिक खाद का उपयोग कभी नहीं करते हैं। संतू मक्का, मिर्च और सब्जियां स्थानीय कबरी व गारू मुख्यालय में लगने वाले साप्ताहिक बाजार में ले जाकर बेचते हैं। इससे उन्हें अच्छा-खासा लाभ होता है।

यह भी पढ़ें: नक्सलियों की नई चाल का पर्दाफाश, संगठन में शामिल करने के लिए दे रहे जमीन दिलाने का लालच