सामुदायिक पुलिसिंग के तहत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों (Naxal Areas) के युवक-युवतियों को रोजगार से जोड़ा जाएगा। वे भी आत्मनिर्भर होंगे, जिससे पिछड़े नक्सली इलाकों में विकास होगा।
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बालाघाट (Balaghat) जिले के नक्सल प्रभावित इलाके (Naxal Areas) के ऐसे युवक-युवती जिन्होंने 5वीं, 8वीं या 12 वीं के बाद पढ़ाई नहीं की है, उन्हें रोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। इसके लिए एडीजी केपी वेंकाटेश्वर राव के नेतृत्व में एलएनटी कंपनी के सहयोग से सामुदायिक पुलिसिंग के तहत अभियान चलाया जा रहा है।
अभियान के तहत शिविर के माध्यम से चयनित किए गए 30 युवकों को पुलिस लाइन परिसर में कार्यक्रम का आयोजन कर एलएनटी कंपनी हैदराबाद रवाना किया गया।
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एडीजी केपी वेंकाटेश्वर राव के मुताबिक, हैदराबाद की कंपनी में इन युवकों को तीन महीने तक अलग-अलग ट्रेड में प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिसके बाद उन्हें उपयुक्त रोजगार मुहैया कराया जाएगा।
एडीजी के अनुसार, सामुदायिक पुलिसिंग के तहत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के युवक-युवतियों को रोजगार से जोड़ा जाएगा। वे भी आत्मनिर्भर होंगे, जिससे पिछड़े नक्सली क्षेत्रों (Naxal Areas) में विकास होगा। इससे नक्सली उन्मूलन में भी सहायता मिलेगी। 4 सितंबर को बैहर, उकवा सहित अन्य जगहों के युवाओं को हैदराबाद भेजा गया है।
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एलएनटी कंपनी के कमल चंद्रवंशी को-ऑर्डिनेटर के मुताबिक, एलएनटी कंपनी युवाओं के लिए रोजगार शिविर का आयोजन किया जाता है और चयनित बच्चों को पांच ट्रेड में ट्रेनिंग दी जाती है। यहां मैसेन, बारवेडिंग, कारपेंटर और आईटीआई वाले बच्चों को वेल्डर और इलेक्ट्रीशियन में प्रशिक्षण दिया जाता है। तीन महीने की ट्रेनिंग के बाद लगभग 14 हजार रुपए की सैलरी से नौकरी की शुरुआत होती है।