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सुकमा: घोर नक्सल प्रभावित गांवों में पहुंची रोशनी, रोशन हुए हजारों घर

छत्तीसगढ़ के घोर नक्सल प्रभावित (Naxal Area) सुकमा (Sukma) जिले के कई गांवों में सरकार की कोशिशें रंग ला रही हैं। बरसों से अंधेरे में रह रहे यहां के लोगों की जिंदगी में रोशनी लौटी है। जगरगुण्डा थाना क्षेत्र के कई गांवों में नक्सलियों (Naxals) ने इस कदर आतंक मचाया था कि यहां तमाम प्रयासों के बावजूद बिजली पहुंचा पाना मुमकिन नहीं हो रहा था।

विकास के दुश्मन नक्सलियों (Naxals) ने जानबूझ कर गांव वालों को अंधेरे में रहने के लिए मजबूर कर रखा था। लेकिन अब ‘सौभाग्य योजना’ के तहत यहां के गांवों में सोलर होम लाईट की सुविधा पहुंचाई गई है। पिछले दो महीने में यहां के सुदूर गांवों के 1352 घर सोलर लाईट से हुए रोशन हुए हैं। 9 गांवों के इन घरों में लोगों की जिंदगी अंधेरे में घिर गई थी।

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जगरगुण्डा के अंदरुनी क्षेत्रों में सडक़ों के अभाव में पहाड़ों और नालों को पार करते हुए आवागमन करना कोई आसान कार्य नहीं है। लेकिन लोगों की जरुरतों को देखते हुए इन गांवों में बिजली की व्यवस्था की गई।

जगरगुण्डा से लगभग 30 किलोमीटर दूर सिलगेर पंचायत के ग्राम दूरनदरभा, कोत्ताचेरु पंचायत के भण्डारपदर, चिंतागुफा के सुरपुनगुड़ा पंचायत, लमपल्ली ग्राम पंचायत के चिमलीलावा समेत अन्य गांवों में रोशनी पहुंचाने का काम किया गया है।

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इन घरों में 200 वाट का सोलर होम लाईट सिस्टम दिया जा रहा है। इसमें 5 एलईडी बल्ब, 2 पंखा और मोबाईल चार्जिंग यूसीबी पोर्ट कनेक्शन दिया जा रहा है। इस योजना के तहत वर्तमान में नक्सल प्रभावित (Naxal Area) तुमालपाड़, छोटेकेड़वाड, बड़ेकेड़वाड, एटराजपाड़, दंतेशपुरम, मैलासूर, गच्चनपल्ली, गोंदपल्ली, बुर्कलंका में कार्य प्रगति पर है।

खास बात यह है कि यहां रोशनी के अलावा पीने योग्य पानी की भी व्यवस्था की जा रही है। आपको बता दें कि सुकमा के नक्सली इलाकों (Naxal Area) में नक्सली शुरू से विकास कार्यों का विरोध करते आए हैं।

लेकिन पुलिस-प्रशासन की मुस्तैदी और कड़े एक्शन की वजह से यहां नक्सलियों (Naxals) की कमर अब टूटने लगी है। कई बड़े नक्सलियों ने यहां या तो सरेंडर कर दिया या फिर पुलिसिया कार्रवाई में मारे गए हैं।