इन गांवों में से 41 गांव नक्सल प्रभावित (Naxal Affected Areas) हैं। बीपीएल परिवारों को कनेक्शन मिलने के बाद उन्हें किफायती दर पर बिजली मिल रही है।
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित इलाकों (Naxal Affected Areas) में विकास पर जोर दिया जा रहा है। विकास के लिए सरकार लगातार बिजली, सड़क, स्वच्छ पेयजल आदि सुविधाएं लोगों तक पहुंचाने की कोशिश कर रही है। नक्सल प्रभावित इलाकों में घर-घर बिजली पहुंचाने का काम किया जा रहा है।
इसी कड़ी में नक्सल ग्रस्त कोंडागांव जिले में ग्रामीणों को अब तक बिजली मिलने लगी है। वे अब तक अंधेरे में रहने के लिए मजबूर थे। लेकिन सरकार की ओर से अब गांवों के विकास के लिए हर गांव, मजरों, टोलों एवं घरों तक बिजली पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। बता दें कि इसके लिए जिले के 80 ग्राम पंचायतों के तहत आने वाले गांवों, मजरों-टोलों को चुनकर वहां तक बिजली पहुंचाने का काम शुरु हुआ था।
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इन मजरों टोलों में कई ऐसे गांव थे जो ग्राम पंचायत मुख्यालय से काफी दूर थे। वहीं, कई ऐसे गांव थे जहां घर दूर-दूर होने के साथ ही पहाड़ियों की चोटियों पर तो कई घर गहरी घाटियों में थे। साथ ही नक्सलियों की समस्या भी थी। ऐसे में हर घर तक बिजली की लाईनें पहुंचाना बड़ी चुनौती थी। इसके बाद जिला प्रशासन ने सर्वे कराकर विद्युतीकरण के लिए रणनीति तैयार की।
पिछले डेढ़ सालों में इस रणनीति के मुताबिक कार्य करते हुए मुश्किल परिस्थितियों में भी बिजली विभाग द्वारा विद्युतीकरण का काम जारी रहा। जिला प्रशासन की कोशिशों की वजह से आज इन घरों तक बिजली पहुंच गई है।
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आखिरकार, इन गांवों के 8,509 बीपीएल धारकों के घरों तक बिजली की लाईनें पहुंच गईं। इन गांवों में से 41 गांव नक्सल प्रभावित (Naxal Affected Areas) हैं। बीपीएल परिवारों को एकल बत्ती कनेक्शन मिलने के बाद उन्हें किफायती दर पर बिजली मिल रही है। साथ ही खेतों में बिजली पहुंचने से यहां के किसान अब आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल कर कृषि कार्य कर रहे हैं।