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Chhattisgarh: बस्तर के विकास में नहीं होगी कोई कमी, सीएम बघेल ने दिया ये बयान

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने कहा कि इस साल से कोदो कुटकी का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में सरकार हर क्षेत्र में विकास का काम तेजी से हो रहा है। मूलभूत सुविधाओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क आदि की बेहतरी पर शासन पूरा ध्यान दे रहा है। इसके अलावा कृषि के क्षेत्र के विकास पर भी प्रदेश सरकार जोर दे रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने कहा कि इस साल से कोदो कुटकी का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया जाएगा।

10 जनवरी को बीजापुर में आयोजित आम सभा में मुख्यमंत्री ने यह घोषणा की। उन्होंने बीजापुर जिले में कुटरू, गंगालूर में तहसील कार्यालय की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने कहा कि बस्तर (Bastar) में कोई भी व्यक्ति भूमिहीन नहीं रहेगा। श्री बघेल ने बीजापुर में किए जा रहे विकास कार्य लोहा डोंगरी, महादेव तालाब के उन्नयन और सौंदर्यीकरण के लिए राशि स्वीकृति की सहमति दी।

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साथ ही जिले के अन्य 12 तालाबों के गहरीकरण एवं सौंदर्यीकरण के लिए राशि स्वीकृत करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने जिले के पहुंचविहीन क्षेत्रों के 10 सड़कों के विकास में तथा भैरमगढ़, आवापल्ली मंदेर बस स्टैंड के निर्माण की घोषणा भी की। तोंगपल्ली और भद्रकाली में नये धान खरीदी केन्द्र बनाने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने कहा कि बस्तर संभाग के विकास कार्यों के लिए कोई कमी नहीं होने दिया जाएगा। बस्तर की संस्कृति, सभ्यता यहां के लोगों के विकास शिक्षा, स्वास्थ्य, खेलकूद को बढ़ावा देने कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बस्तर में प्रतिभा की कमी नहीं है, सिर्फ अवसर देने की आवश्यकता है। सरकार सारे अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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उन्होंने कहा कि जल जंगल और जमीन में स्थानीय लोगों के अधिकार देने के लिए शासन द्वारा वन अधिकार सामुदायिक व व्यक्तिगत पट्टा देने का कार्य कर रही है। बस्तर में भूमिहीन लोगों को भूमि का अधिकार देने का कार्य सरकार द्वारा किया जा रहा है और बस्तर में कोई भी व्यक्ति भूमिहीन नहीं रहेगा।

उन्होंने आगे कहा कि आज के दौर में बिजली लोगों की मूलभूत आवश्यकताओं में शामिल हो चुकी है और इस क्षेत्र में बिजली पहुंचाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है।

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मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सरकार द्वारा बंद स्कूलों को पुन: प्रारंभ किया गया है, जिसमें स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर दिए गए हैं। डीएमएफ की राशि का उपयोग शिक्षा स्वास्थ्य आजीविका देने के लिए किया जा रहा है। सरकार द्वारा कुपोषण से लड़ाई हेतु सुपोषण अभियान की शुरूआत की गई, जिससे अब तक 77 हजार से अधिक बच्चे सुपोषित हो चुके हैं।