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Chhattisgarh: कैबिनेट ने लिया अहम फैसला, सड़क निर्माण के लिए बैंकों से कर्ज के लिए राज्य सरकार देगी सॉवरेन गारंटी

राज्योत्सव पर 1 नवंबर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने सड़कों के निर्माण और उन्नयन के लिए करीब 5500 करोड़ का ऋण लेने की योजना की बात कही थी।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में सड़कों और आधारभूत ढांचे के विकास के लिए लगातार काम हो रहे हैं। अब इसके लिए बैंकों और दूसरे वित्तीय संस्थानों से कर्ज लेने का रास्ता साफ हो गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) की अध्यक्षता में 17 दिसंबर को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रस्तावित प्रक्रिया का अनुमोदन कर दिया गया।

बैठक में यह तय हुआ कि छत्तीसगढ़ सड़क और बुनियादी ढांचा विकास निगम राज्य सरकार से सॉवरेन गारंटी लेकर बैंक और वित्तीय संस्थाओं से ऋण प्राप्त कर सकेगी। मंत्रिपरिषद ने कर्ज की प्रक्रिया और निर्माण कार्य संपादित करने की प्रक्रिया का भी अनुमोदन किया। सॉवरेन गारंटी का मतलब होता है, अगर किसी वजह से ऋण लेने वाला सड़क विकास निगम देनदारियां चुका पाने में नाकाम रहे। दिवालिया हो जाए तो ऋण के दायित्वों का भुगतान सरकार खुद करेगी।

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बता दें कि राज्योत्सव पर 1 नवंबर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने सड़कों के निर्माण और उन्नयन के लिए करीब 5500 करोड़ का ऋण लेने की योजना की बात कही थी। बताया जा रहा है, उस योजना में सरकार की ओर से ऋण के लिए सॉवरेन गारंटी की जरूरत थी। इसके साथ ही सरकार ने जिला मुख्यालयों सहित प्रदेश के प्रमुख शहरों में स्थित जर्जर सरकारी भवनों के पुनर्विकास का निर्णय लिया गया। इसमें रायपुर के शांति नगर के पुनर्विकास योजना को सैद्धांतिक सहमति दी गई।

छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल निजी भागीदारी के साथ इस पुराने आवासीय कॉलोनी को तोड़कर नई हाउसिंग और व्यावसायिक सुविधा का विकास करने की तैयारी में है। इस योजना का विरोध भी शुरू हो गया है। सरकार ने छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल एवं रायपुर विकास प्राधिकरण को आवंटित शासकीय भूमि पर आवासीय एवं आवासीय-व्यावसायिक योजना में शामिल व्यावसायिक संपत्ति को फ्रीहोल्ड करने की अनुमति देने का फैसला किया। इसके लिए कुछ शर्तें लगाई गई हैं।

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इसके साथ ही शहरों में अवैध निर्माण को नियमित करने का नियम बदलेगा। छत्तीसगढ़ अनधिकृत विकास का नियमितिकरण नियम-2002 में संशोधन के लिए मंत्रिपरिषदीय उप समिति का गठन होगा। उपसमिति की अनुशंसा लेने के बाद नियमों में बदलाव होगा। इसके अलावा, सरकार ने नगर पालिक निगमों के स्वामित्व वाले खाली भवनों को सिटी डायग्नोस्टिक सेंटर योजना के लिए उपयोग करने का फैसला किया है। इसके लिए छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम के तहत बने छत्तीसगढ़ अचल संपत्ति अंतरण नियम को शिथिल किया जाएगा।