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Bihar: गया के इस नक्सल प्रभावित इलाके की महिलाओं का कमाल, सामूहिक खेती कर बन रहीं आत्मनिर्भर

गया जिला मुख्यालय से करीब 95 किमी दूर नक्सल प्रभावित (Naxal Affected Area) डुमरिया के नारायणपुर पंचायत में जंगलों और पहाड़ों से घिरा एक गांव है सलइटाड़। गांव वालों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है।

बिहार (Bihar) का गया जिला नक्सल प्रभावित (Naxal Affected Area) है। आए दिन नक्सली (Naxals) यहां हिंसा फैलाते रहते हैं और विकास कार्यों में बाधा पहुंचाते हैं। हालांकि, सरकार और पुलिस प्रशासन नक्सलियों को उखाड़ फेंकने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इसी बीच इलाके से एक अच्छी खबर आई है।

गया जिला मुख्यालय से करीब 95 किमी दूर नक्सल प्रभावित (Naxal Affected Area) डुमरिया के नारायणपुर पंचायत में जंगलों और पहाड़ों से घिरा एक गांव है सलइटाड़। इस गांव में करीब सौ घर हैं। गांव वालों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। यहां के लोग पूरी तरह खेती पर निर्भर हैं। लेकिन पूंजी के अभाव में कभी-कभी फसल भी अच्छी नहीं हो पाती। लेकिन यहां की महिलाओं की मेहनत रंग ला रही है। वे अब स्वावलंबी हो रही हैं।

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दरअसल, साल 2017 में एक स्वयं सेवी संस्था गांव में पहुंची। वहां 12 महिलाओं का एक समूह बनाया गया। इस समूह ने प्रतिमाह 40 रुपया बचत करना शुरु किया। इस तरह महिलाओं के पास करीब 23 हजार की राशि जमा हो गई। इसके बाद संस्था के लोगों ने समूह की महिलाओं के सामूहिक खेती करने का सुझाव दिया।

इसके लिए संस्था ने साल 2020 में समूह की महिलाओं को 15 हजार रुपए की सहायता भी की। इसके बाद इन महिलाओं एक एकड़ में धान की फसल लगाई। फसल के बेहतर उपज देख महिलाओं का हौसला बढ़ा। इसके बाद उन्होंने इसी भूमि में गेहूं और साग सब्जी भी लगाई। इस बार भी फसल काफी अच्छी हुई है। बेहतर उपज होने की उम्मीद है।

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समूह की महिलाएं बताती हैं कि समन्वय तीर्थ संस्था के पहल से आज हमलोगों की आर्थिक स्थिति अच्छी हो गई है। सामूहिक खेती से भी हमलोगों को काफी फायदा हुआ है। समूह में पैसा जमा रहता है, जो जरूरत पड़ने पर समूह की महिलाओं के काम आता है। जो भी महिलाएं पैसा लेती उन्हें एक प्रतिशत ब्याज देना होता है। इस तरह से जरूर पड़ने पर उनकी मदद भी हो जाती है।