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भारतीय सेना का ‘ऑपरेशन खुकरी’, साल 2000 में पश्चिम अफ्रीका में घुसकर दुश्मनों को किया था नेस्तनाबूद

फाइल फोटो।

ऑपरेशन खुकरी (Operation Khukri) के बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं. भारतीय सेना ने अन्य देशों के साथ मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। भारत के 225 सैनिक इस टाउन में विद्रोहियों के कब्जे में थे। 

ऑपरेशन खुकरी: भारतीय सेना जब भी युद्ध के मैदान में उतरती है दुश्मन को घुटनों पर ला देती है। ऐसा ही साल 2000 में भी हुआ था। भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन खुकरी’ के जरिए पश्चिमी अफ्रीका में स्थित सिएरा लियोन में रिवॉल्यूशनरी युनाइटेड फ्रंट के विद्रोहियों द्वारा बंधक बनाने गए भारतीय शांति सैनिकों को रिहा करवाया था। यह एक मल्टीनेशनल ऑपरेशन था।

इसमें भारत समेत घाना, ब्रिटेन और नाइजीरिया की सेना ने भी हिस्सा लिया था। हालांकि भारतीय सेना की इस ऑपरेशन में ज्यादा टुकड़िया थीं। इस ऑपरेशन में गोरखा रेजीमेंट ने अहम भूमिका निभाई थी। गोरखा रेजीमेंट को सेना की सबसे खतरनाक रेजीमेंट में से एक माना जाताा है। इस ऑपरेशन का नाम खुकरी इसलिए रखा गया क्योंकि गोरखा रेजीमेंट के सिपाही अपने साथ हमेशा एक खुकरी रखते हैं।

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इस ऑपरेशन को साल 2000 में 13 जुलाई से 16 जुलाई के बीच लॉन्च किया गया था। सिएरा लियोन में रिवॉल्यूशनरी युनाइटेड फ्रंट के विद्रोहियों द्वारा बंधक बनाने गए भारतीय शांति सैनिकों को संयुक्त राष्ट्र की ओर से वहां भेजा गया था। ये गोरखा रेजीमेंट के सैनिक थे और इन्हें जिम्मेदारी दी गई थी कि वे वहां के बाग समूह रिवोल्यूशनरी यूनाइटेड फ्रंट के खिलाफ स्थानीय सरकार की मदद करें। लेकिन आरयूएफ ने यूएन के शांति सैनिकों को घेर लिया और वे लगातार 75 दिनों तक बंधी बनाकर रखा।

इसके बाद ही भारतीय सेना ने अन्य देशों के साथ मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। भारत के 225 सैनिक इस टाउन में विद्रोहियों के कब्जे में थे। भारतीय वायुसेना और थल सेना ने मिलकर एक-एक कर यूनाइटेड फ्रंट को पस्त किया और भारतीय सैनिकों को वहां से छुड़ाकर ले आए। हालांकि इससे पहले विद्रोही संगठन से बात करने की भी कोशिश की गई थी लेकिन वह सफल नहीं हो सकी थी जिसके बाद इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया था।

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