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पाकिस्तान ने भारतीय राजनयिक को भेजा वापस, द्विपक्षीय कारोबार भी रोका

पाकिस्तान ने भारतीय राजनयिक को वापस भेजा।

कश्मीर पर लिया गया भारत सरकार का फैसला पाकिस्तान को पच नहीं रहा है। पाकिस्तान लगातार इस पर विरोध दर्ज करा रहा है। पाक पीएम इमरान खान ने पाक नेशनल सिक्युरिटी कमेटी की बैठक में कुछ बड़े फैसले लिए हैं। पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक और व्यापारिक संबंधों को तोडने का फैसला लिया है। इतना ही नहीं पाकिस्तान के इस विरोध में भारत के राजदूत को निकाले जाने का फैसला भी शामिल है। पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायुक्त को वापस जाने को कहा है।

खबर है कि पाकिस्तान सरकार अपने राजदूत को भी भारत नहीं भेजेगी, जिन्हें इस महीने के अंत में चार्ज लेना था। इतना ही नहीं, पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को भारत जाने के लिए कह दिया गया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का कहना है कि वो अपने राजदूत को दिल्ली से वापस बुलाएंगे और भारतीय राजदूत को वापस भेज रहे हैं। इससे पहले 2001 में भारत ने अपने उच्चायुक्त को इस्लामाबाद से वापस बुलाया था और 2002 में पाक उच्चायुक्त को निष्कासित किया था।

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वहीं एक सरकारी बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान भारत के साथ राजनयिक संबंधों में बढ़ती कड़वाहट के बीच अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी के साथ द्विपक्षीय व्यापार पर रोक लगाएगा। हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

वहीं पाकिस्तान ने कहा है कि 14 अगस्त का दिन कश्मीरियों के साथ मजबूती के साथ खड़े रहने के तौर पर याद किया जाएगा और 15 अगस्त को काला दिवस मनाया जाएगा। अभी भारत-पाक के बीच करीब 18 हजार करोड़ रुपए का द्विपक्षीय कारोबार है, जिसमें भारत 80% निर्यात और 20% आयात करता है।

इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने के मामले को संयुक्त राष्ट्र में ले जाने की धमकी भी दे चुके हैं। पाक पीएम ने कहा था कि धारा 370 के हटने से भारत में पुलवामा जैसे और आतंकी हमले हो सकते हैं। उन्होंने कश्मीरियों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई थी और कहा था कि कश्मीर के मुसलमान खतरे में हैं।

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