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ओडिशा: हार्डकोर नक्सली लक्ष्मण ने कालाहांडी पुलिस के समक्ष किया सरेंडर, पुलिस के प्रयास से नक्सली जोड़ों की हुई शादी से प्रभावित

Photo Credit: @Jagran

ओडिशा के कालाहांडी जिले में रविवार को पांच लाख के इनामी नक्सली लक्ष्मण (Naxalite Lakshman) उर्फ सेंधू उर्फ लालसु ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है। यह नक्सली ओडिशा स्टेट कमेटी के बीजीएन संभाग के कालाहांडी एरिया कमेटी का सचिव था। इसके खिलाफ सुरक्षाबलों के खिलाफ कई हमले का मामला दर्ज है। 

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पुलिस अधिकारियों के अनुसार, नक्सली लक्ष्मण ने दक्षिण-पश्चिम रेंज के डीआइजी राजेश पंडित, कालाहांडी जिला पुलिस अधीक्षक डा. सरवना विवेक और सीआरपीएफ के कमांडेंट बिप्लब सरकार की मौजूदगी में हथियार सौंपे। इस मौके पर मौजूद अधिकारियों ने मुख्यधारा में लौटने के लिए नक्सली लक्ष्मण की सराहना की और उसे प्रशासन की तरफ से मिलने वाली पुनर्वास योजनाओं के लाभ का आश्वासन भी दिया।

बताते चलें कि सरेंडर करने वाला नक्सली लक्ष्मण (Naxalite Lakshman) वर्ष 2009 में प्रतिबंधित नक्सली संगठन का सदस्य बना था। इस दौरान इसे छत्तीसगढ़ में प्रतिबंधित गंगलोर दलम में करीब एक साल के लिए संगठन की संरचना को समझने के लिए भेजा गया। इसके बाद नक्सली लक्ष्मण वर्ष 2011 में ओडिशा के नियमगिरि एलओएस का हिस्सा बन गया। नक्सली लक्ष्मण वर्ष 2014 में ओडिशा में ही करलापाट में एरिया कमेटी सदस्य के तौर पर कार्ररत था। लेकिन इसके बाद लक्ष्मण को एसीएस (क्षेत्र समिति सचिव) के रूप में पदोन्नत कर संगठन के विस्तार की जिम्मेदारी सौंप दी गई।

पुलिस के सामने सरेंडर करने के बाद नक्सली लक्ष्मण (Naxalite Lakshman) ने संगठन की खोखली विचारधारा और वरिष्ठ नेताओं के अत्याचार की कलई खोल दी। लक्ष्मण के अनुसार, उसने संगठन में बढ़ते अत्याचार, महिलाओं के शोषण, निरीहों की मौत, सरकार द्वारा कराए जा रहे विकासकार्य के प्रति नक्सली संगठन के रवैए से तंग आकर सरेंडर करने का फैसला लिया।

इतना ही नहीं, नक्सली लक्ष्मण (Naxalite Lakshman) हाल ही में पुलिस द्वारा कराई गई पूर्व नक्सली रामदास और कलम देई के विवाह से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। सरकार ने भी सरेंडर करने वाली नक्सली को पांच लाख रुपये की सहायता राशि और पुनर्वास योजनाओं के लाभ का भरोसा दिया।