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खत्म हो रहे जनाधार से बौखलाहट में नक्सली, 9 महीनों में की 40 मासूमों की हत्या

सांकेतिक तस्वीर।

कमजोर हो रहे संगठन की वजह से नक्सली (Naxals) बौखलाहट में हैं और अब जनअदालतें लगाकर मासूम लोगों में दहशत फैलाने के लिए उन्हें मौत के घाट उतार रहे हैं।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में नक्सलियों (Naxals) के खिलाफ सुरक्षाबलों द्वारा चलाए जा रहे अभियानों की वजह से नक्सलियों (Naxalites) की हालत पतली हो गई है। सुरक्षाबलों के साथ-साथ नक्सल क्षेत्र के लोग भी नक्सलियों का खुलकर विरोध करने लगे हैं। यही वजह है कि नक्सलियों की बौखलाहट बढ़ गई है। बौखलाहट में आकर नक्सली आए दिन कायराना हरकतें कर रहे हैं।

वे मासूम गांव वालों को डरा-धमका कर उनमें खौफ पैदा कर रहे हैं। इतना ही नहीं, नक्सली (Naxals) गांव वालों की हत्या भी कर रहे हैं। 22 सितंबर को भी नक्सलियों ने 6 लोगों की हत्या कर दी, जिसमें 5 बीजापुर और एक नारायणपुर जिले में हुई।

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जानकारी के अनुसार, नक्सलियों (Naxalites) ने गांव-गांव में 8 से 10 सदस्यों वाली कमेटी बना रखी है। जिसका काम गांव में होने वाले विवादों-झगड़े को निपटाने के अलावा गांव में होने वाले निर्माण की अनुमति देने सहित गलती करने पर सजा देने तक का है। इसे नक्सली जनताना सरकार कहतो हैं। जनताना सरकार नक्सली गतिविधियों के संचालन के लिए फंडिंग से लेकर अन्य काम करने में भी मदद करती है।

नक्सलियों (Naxals)  ने इलाके में पैठ मजबूत करने के लिए हर वर्ग के लिए अलग-अलग संगठन तैयार कर रखे हैं। नक्सली संगठन में नाट्य मंडली से लेकर किसानों और मजदूरों के लिए अलग शाखा है। इसके अलावा ग्राम रक्षा दल से लेकर ग्राम रक्षा प्रहरी दल तक में लोगों को नियुक्त किया गया है। हालांकि, सरकार और प्रशासन की सख्ती की वजह से अब नक्सलियों का यह संगठनात्मक ढांचा कमजोर पड़ने लगा है।

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यही कारण है कि स्थानीय नक्सली लीडर (Naxali Leader) बौखलाहट में हैं और अब जनअदालतें लगाकर स्थानीय लोगों में दहशत फैलाने के लिए उन्हें मौत के घाट उतार रहे हैं। बता दें कि साल 2020 में अब तक नक्सलियों ने करीब 40 लोगों को मौत के घाट उतार दिया है। लेकिन इसमें गौर करने वाली बात यह है कि इस साल नक्सलियों ने करीब 10 से ज्यादा ऐसे आम नागरिकों को भी मारा है,जिन्हें उनका समर्थक माना जाता था।

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बस्तर आईजी सुंदरराज पी का कहना है कि नक्सलियों का जनाधार खत्म हो रहा है उनके पास जनता को देने के लिए कुछ नहीं बचा है। ऐसे में हत्या कर वह दहशत फैलाने के काम में लगे हुए हैं। नक्सली पिछले तीन साल में कोई बड़ी वारदात कर पाए हैं और हमारे कैंप लगातार अंदरूनी इलाकों में खुल रहे हैं ऐसे में अपनी सत्ता को बनाये रखने नक्सली लोगों को मार रहे हैं।