घाटी में लगभग हर दिन आतंकी घटनाएं होती हैं, अगर सेना की इस पहल पर आतंकी विचार करें, तो शायद घाटी में हिंसा के मामलों में कमी आए। सुरक्षाबलों की जागरुकता से बीते साल की अपेक्षा इस साल आतंकी घटनाओं में 40 फीसदी की कमी आई है। ये भी घाटी के लिए एक अच्छा संदेश है।
कश्मीर (Kashmir) में लगातार आतंकी घटनाएं घट रही हैं। हालांकि पहले की तुलना में इन पर काफी लगाम लगाई जा चुकी है, लेकिन फिर भी आतंकी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं।
ऐसे में जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) प्रशासन ये कोशिश कर रहा है कि घाटी के युवाओं को सही रास्ते पर लाया जाए और उन्हें आतंक के भटके हुए रास्ते पर जाने से बचाया जाए।
अब जम्मू-कश्मीर प्रशासन ऐसे युवाओं को हिंसा छोड़ अमन-चैन से रहने का मौका देगा, जो भटके हुए रास्ते से लौटकर मुख्यधारा में वापस आना चाहते हैं। ये जानकारी घाटी के एक टॉप मिलिट्री कमांडर ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को दी है।
लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने बताया कि कश्मीर घाटी में एक नई स्कीम लाई जाएगी, जिसे मोदी सरकार के पास भेजा गया है। हालांकि अभी तक ये स्कीम फाइनल नहीं हुई है, लेकिन एडवांस स्टेज में है।
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लेफ्टिनेंट ने ये भी कहा कि घाटी के भटके हुए युवाओं को सुधारने के लिए कश्मीर से बाहर भी भेजा जा सकता है। राजू ने बताया कि सेना का ये सुझाव है कि पहले आतंकी रहे युवाओं को पुर्नवास में रखा जाए, इससे भटके हुए युवा सरेंडर करके अमन-चैन की दुनिया में वापसी कर सकते हैं।
बता दें कि घाटी में लगभग हर दिन आतंकी घटनाएं होती हैं, अगर सेना की इस पहल पर आतंकी विचार करें, तो शायद घाटी में हिंसा के मामलों में कमी आए।
सुरक्षाबलों की जागरुकता से बीते साल की अपेक्षा इस साल आतंकी घटनाओं में 40 फीसदी की कमी आई है। ये भी घाटी के लिए एक अच्छा संदेश है।
हालांकि सेना का मानना है कि घाटी में करीब 180 आतंकी संगठन सक्रिय हैं। ऐसे में कश्मीर के युवाओं को सही रास्ता दिखाना बहुत जरूरी है।
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