Hindi News (हिंदी समाचार), News in Hindi, Latest News In Hindi

जम्मू-कश्मीर: युवाओं को बरगलाने की कोशिश में लगे आतंकी संगठन, सुरक्षाबलों ने उठाया ये कदम…

सांकेतिक तस्वीर।

सबसे अधिक युवा दक्षिण कश्मीर के शोपियां से आतंकी संगठनों (Terrorist Organizations) में शामिल हुए हैं। आतंकी पढ़े-लिखे युवाओं को इस रास्ते पर लाकर सुरक्षाबलों पर हमले करने के लिए तैयार कर रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में आतंकियों पर सुरक्षाबलों की कार्रवाई जारी है। लेकिन इस बीच आतंकी संगठन (Terrorist Organizations) भी युवाओं को बरगला कर संगठन में शामिल करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। साउथ कश्मीर के डीआईजी अतुल गोयल के मुताबिक, सिर्फ दक्षिण कश्मीर में इस साल करीब 80 युवा आतंकी संगठनों में शामिल हुए हैं। उन्हें अलग-अलग आतंकी संगठनों में भर्ती किया गया है। उन्होंने बताया कि इनमें से कई को मार भी दिया गया है, जबकि कई अन्य को पकड़ा भी गया है।

दक्षिण कश्मीर को आतंकवाद का गढ़ माना जाता है। दरअसल, इसके पीछे की मुख्य वजह यह है कि सीमा पर जवानों की मुस्तैदी की वजह से घुसपैठ में कमी आई है। इसके चलते कश्मीर में आतंकियों की संख्या कम होती जा रही है। ऐसे में आतंकी संगठन (Terrorist Organizations) स्थानीय युवाओं को आतंकवाद के रास्ते पर लाने की कोशिश में हैं।

Jammu-Kashmir: आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षाबल एक्शन में, साल के पहले 8 महीने में मार गिराए 161 आतंकी

सबसे अधिक युवा दक्षिण कश्मीर के शोपियां से आतंकी संगठनों में शामिल हुए हैं। आतंकी पढ़े-लिखे युवाओं को इस रास्ते पर लाकर सुरक्षाबलों पर हमले करने के लिए तैयार कर रहे हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि एजेंसियों के पास ऐसी सूचनाएं है कि जानबूझकर युवाओं को ज्यादा से ज्यादा आतंकवाद में भर्ती किया जा रहा है।

हालांकि, पुलिस की तरफ से लगातार इन जिलों में युवाओं को समझाने और जागरूक करने का काम किया जा रहा है। पुलवामा में हुई मुठभेड़ के दौरान एक आतंकी को जिंदा पकड़ा गया था। उसने बताया कि वह मेडिकल की पढ़ाई करना चाहता था, लेकिन उसे गुमराह करके इस रास्ते पर लाया गया है।

ये भी देखें-

डीआईजी अतुल गोयल का कहना है कि दक्षिण कश्मीर में आतंकी संगठनों (Terrorist Organizations) की तरफ से लगातार युवाओं को गुमराह करने के प्रयास किया जा रहा है। हालांकि, पुलिस भी अपने काम में लगी हुई है। कोशिश की जा रही है कि युवाओं को आतंकवाद के रास्ते पर जाने से रोका जा सके। इस दौरान 80 युवा आतंकवाद में शामिल हुए हैं।