जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त होने और राज्य के पुनर्गठन होने के बाद भी घाटी में हालात शांतिपूर्ण हैं। राज्य से हिंसा की कोई भी खबर अब तक सामने नहीं आई है। उत्तर, दक्षिण और मध्य कश्मीर में पूरी तरह से शांति का माहौल है। यह कहना है जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह का। अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि केंद्र सरकार के इस फैसले पर घाटी में माहौल तनावपूर्ण हो सकता है। सरकार के इस कदम पर राज्य के बड़े नेताओं ने भी कहा था कि यदि अनुच्छेद 370 और 35A के साथ कोई छेड़-छाड़ की गई तो घाटी का माहौल हिंसक हो जाएगा।
अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा के मद्देनजर कड़े इंतजाम किए गए हैं। इसके साथ ही इस बदलाव के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस अब केन्द्र सरकार के अंडर काम करेगी। घाटी में सुरक्षा के लिए अर्धसैनिक बलों के 1 लाख जवान तैनात किए गए हैं। साथ ही श्रीनगर और जम्मू में धारा 144 लागू है। मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं। सेना और वायु सेना को भी अलर्ट कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया। इसके अनुसार, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश होंगे।
केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा पेश किए गए बिल में जम्मू-कश्मीर आरक्षण अधिनियम 2004 में संशोधन किया गया है। राज्यसभा में बिल पास होने से अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास रहने वाले लोगों को भी आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। आरक्षण नियम में संशोधन के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति जो पिछड़े क्षेत्रों, नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतराष्ट्रीय सीमा (आईबी) से सुरक्षा कारणों से चला गया हो उसे भी आरक्षण का फायदा मिल सकेगा।
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