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NIA ने किया खुलासा: आतंकियों के साथ महबूबा मुफ्ती की पार्टी की साठगांठ, घाटी में टेरर फंडिंग का आरोपी है पीडीपी का ये नेता

केंद्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आरोप लगाया है कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) का युवा नेता और पीडीपी यूथविंग का अध्यक्ष वहीद–उर–रहमान पारा हथियारों की तस्करी और आतंकवादी संगठनों (Terror Groups) को धन मुहैया करने में शामिल रहा है। केंद्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने यह भी आरोप लगाया है कि वह पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के अलगाववादी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए जम्मू कश्मीर के अहम संस्थानों में उनके लिए राह बनाने की साजिश रचने में शामिल था।

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आतंकवादी गतिविधियों के लिये धन मुहैया करने के मामले में जम्मू की एक कोर्ट में हाल ही में दाखिल किये गये एक चार्जशीट के मुताबिक जांच एजेंसी ने 2010 से वहीद–उर–रहमान की गतिविधियों को गिनाते हुए आरोप लगाया है कि उसने 20 से 25 नौजवानों का एक ग्रुप बनाया था‚ जो प्रदर्शनों के दौरान उसके इशारे पर पथराव किया करते थे। आतंकवादी गतिविधियों के लिये धन मुहैया करने के इस मामले में निलंबित डीएसपी दविंदर सिंह भी कथित तौर पर शामिल था।

एनआईए (NIA) ने आरोप लगाया कि वहीद–उर–रहमान ने पीडीपी से अपने लिए राजनीतिक लाभ प्राप्त करने को लेकर ऐसा किया। पार्टी पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर में 2010 में विपक्ष में थी। उत्तर कश्मीर के माछिल इलाके में 2010 में तीन नौजवानों की हत्या के खिलाफ बड़े प्रदर्शन हुए थे। इन तीनों नौजवानों को आतंकवादी करार दिया गया था और इस विरोध प्रदर्शनों में 126 लोगों की जान चली गई थी। हालांकि‚ पुलिस ने सेना के जवानों के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल किया था।

पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार पीडीपी का नेता वहीद–उर–रहमान फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। हालांकि उसने आतंकवादी संगठनों (Terror Groups) के साथ साठगांठ रखने से इनकार किया है। वहीं‚ उसकी पार्टी पीडीपी भी इसे राजनीतिक रंग दे रही है। पार्टी के अनुसार, इस मामले में वहीद–उर–रहमान को इसलिए फंसाया गया है क्योंकि पार्टी ने बीजेपी समर्थित राजनीतिक दलों में शामिल होने से इनकार कर दिया था।

एनआईए ने आरोप लगाया है कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन ने मुख्य धारा की राजनीति से वहीद–उर–रहमान जैसे कुछ नेताओं से सहयोग मांगा था। अपनी चार्जशीट में जांच एजेंसी ने बताया है कि साठगांठ से यह साबित होता है कि मुख्य धारा के कुछ नेता भी इसमें शामिल रहे हैं और वे अपने चुनाव प्रचार के दौरान सहयोग के लिए आतंकी संगठनों (Terror Groups) से मदद मांग रहे हैं।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि वहीद–उर–रहमान 2016 में कुपवाडा इलाके से दक्षिण कश्मीर में हथियारों की तस्करी करने में भी शामिल था, जब पूर्ववर्ती राज्य जम्मू–कश्मीर में पीडीपी की बीजेपी के साथ गठबंधन की सरकार थी।