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चीन के नापाक इरादों पर भारत ने फेरा पानी, INDIAN ARMY ने उठाया ये मजबूत कदम

सांकेतिक तस्वीर।

पिछले दिनों चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश के बाद भारतीय सेना (Indian Army) मुस्तैद हो गई है। Indian Army भी  फिंगर-4 के नजदीक पंहुच गई है। यह क्षेत्र पैंगोंग लेक के उत्तर में है। चीनी सेना फिंगर-4 के रिज एरिया में बैठी है। भारतीय सेना ने संभावित खतरे को देखते हुए अरुणाचल में भी अतिरिक्त टुकड़ियों को भेज दिया है।

पिछले चार और पांच मई को चीनी सेना पीएलए ने फिंगर-8 से फिंगर-4 क्षेत्र पर कब्जा कर वहां तंबू तान दिया था। उसके बाद ही 15-16 जून की रात को गलवान घाटी में खूनी संघर्ष हुआ था। भारत और चीन के बीच कोर कमांडर‚ ब्रिगेडियिर और राजनयिक स्तर पर अनेक वार्ताएं हुईं और चीन को चार मई से पहले की स्थिति बहाल करने की मांग की गई है।

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चीनी सेना गलवान‚ गोगरा पोस्ट और हॉट स्प्रिंग से तो पीछे हट गई लेकिन फिंगर एरिया पर अड़ी रही। भारत की जिद पर वह फिंगर-4 से थोड़ी दूरी पर रिज एरिया में आकर बैठ गई। सूत्रों का कहना है कि भारतीय सेना (Indian Army) पैंगोंग लेक के उत्तर में फिंगर-4 के लिए जाने वाले रिज एरिया पर पंहुच गई है। इससे भारत ने मनोवैज्ञानिक बढ़त बना ली है।

यह क्षेत्र फिंगर-4 की चोटी पर है। इस तंग रास्ते पर चढ़ने के लिए जवानों को रस्सियों का सहारा लेना होता है। इस क्षेत्र में पहुंच बनाने से भारतीय सेना (Indian Army) ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं कि यदि चीन बातचीत से नहीं मानता है कि सैन्य कार्रवाई से मानेगा। फिंगर-4 सामरिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है।

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पीएलए (PLA) इस क्षेत्र में वाहनों के जरिए आवागमन करता है क्योंकि उसके पास पठारी इलाका है जबकि हमारे पास तीखी चढ़ाई है। भारतीय सेना का कहना है कि उसने एलएसी (LAC) पर भारत की ओर पैंगोंग झील के उत्तर में ऐतिहातिक तैनाती की है। सेना ने स्पष्ट किया कि वह भारतीय क्षेत्र में है। दूसरी तरफ पैंगोंग झील के उत्तरी भाग में अधिकतम अतिक्रमण कर चुके चीन के पास आगे बढ़ने का मौका नहीं है।

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भारतीय सेना (Indian Army) उत्तरी सीमा को पूरी तरह से सील कर दिया है। चीन ने पैंगोंग लेक के दक्षिण में करीब 10 ऐसी चोटियों और दर्रों को चिन्हित किया हुआ था जहां भारतीय सेना मौजूद नहीं थी। ड्रैगन के नापाक इरादों को भांपते हुए सेना ने सामरिक महत्व के दर्रे स्पंगगुर‚ रेंचिन ला‚ रिंजंग ला ब्लैक टाप को अपने कब्जे में लिया है। इस क्षेत्र को अपने कब्जे में लेकर सेना ने चीन की लेह तक पहुंचने की मंशा पर पानी फेरा है। यहीं से लेह तक आने की सड़क है।