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भारतीय वायुसेना खरीदने जा रही है 350 स्वदेशी विमान, पड़ोसी दुश्मनों के खिलाफ होगा उन्नत भारतीय तकनीक का इस्तेमाल

Indian Air Force Chief RKS Bhadauri

देश की राजधानी दिल्ली में एयरोस्पेस सेक्टर में ‘आत्मनिर्भरता में चुनौती’ विषय पर सम्मेलन को संबोधित करते हुए इंडियन एयर फोर्स चीफ एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया (IAF Chief RKS Bhadauria) ने कहा कि दो मोर्चों पर चुनौतियों से एकसाथ निपटने के लिए इंडियन एयर फोर्स (Indian Air Force) की मारक क्षमता को बढ़ाने पर जोर देना है। इसके लिए अगले दो दशकों के दौरान देश में ही बने 350 प्लेन खरीदे जाएंगे। जिनमें 83 स्वदेशी फाइटर जेट तेजस भी शामिल है।

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एयर चीफ मार्शल भदौरिया (IAF Chief RKS Bhadauria)  ने चीन का नाम लिये बिना ही कहा कि उत्तरी सीमा पर उत्पन्न चुनौती को देखते हुए हमें अव्वल दर्जे की क्षमता और उन्नत स्वदेशी टेक्नोलॉजी की जरूरत होगी। इंडियन एयर फोर्स (Indian Air Force) में असीम प्रौद्योगिकी आधारित क्षमता पैदा करना एक चुनौती है। उत्तर में हमारे पड़ोसी के मद्देनजर हमारे पास अव्वल क्षमता और उन्नत टेक्नोलॉजी होना जरूरी है जो देश में ही विकसित हो।

एयर चीफ मार्शल भदौरिया (IAF Chief RKS Bhadauria) के अनुसार, अगली लड़ाई में हम कितना हैरतअंगेज कारनामा कर सकते हैं। यह देखने की बात है और यह एक चुनौती भी है। उन्होंने आगे बताया कि यह संतोष की बात है कि अब भारत जमीन पर स्थित राडारों का आयात नहीं कर रहा है। इन्हें देश में ही बनाया जा रहा है।

इंडियन एयर फोर्स (Indian Air Force) चीफ के मुताबिक, भारत अब 3डी प्रिंटेड मशीनरी की तरफ बढ़ रहा है। ऐशे में नई‚ किफायती और अत्यधिक क्षमता वाली टेक्नोलॉजी में निवेश प्राइवेट कंपनियों के लिए एक बड़ी चुनौती है। हालांकि स्वदेशी तेजस विमान से भारतीय कंपनियों में आत्मविश्वास बढ़ा है और इसके आगे बढ़ने की बहुत अधिक संभावना है।