Coronavirus, Covid-19 India Lockdown: पूरा देश इस वक्त कोरोना वायरस के कहर से कराह रहा है। केंद्र सरकार ने इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए कई कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं। लेकिन देश के लिए पहले से ही नासूर बन चुके नक्सली अब कोरोना जैसे गंभीर संक्रमण को लेकर भी अपने गलत कदमों से सभी को मुश्किलों में डालने पर उतारु हैं। छत्तीसगढ़ के बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाकों में यह नक्सली ना सिर्फ झुंड बनाकर घूम रहे हैं बल्कि मीटिंग कर रहे हैं और सुरक्षा बल के खिलाफ साजिश भी रच रहे हैं।
जंगल में बाहर से भी नक्सली लीडर आते रहते हैं। इनमें से किसी एक भी संक्रमण हुआ तो सुदूर पहुंच विहीन आदिवासी गांवों में रहे रहे ग्रामीण मुसीबत में फंस जाएंगे। उन जगहों पर स्वास्थ्य सुविधा नागण्य है। बाहर से मेडिकल टीम भी नहीं भेजी जा सकती क्योंकि अधिकांश गांवों में पहुंचने के लिए मीलों पैदल चलना पड़ता है, प्रेशर बम और नक्सल प्रताड़ना का खतरा अलग है। इन तथ्यों के बावजूद नक्सलियों को कोरोना की कोई चिंता हो ऐसा लगता नहीं है।
दुनिया के विकसित देशों की तुलना में भारत में वायरस का फैलाव बहुत कम
गंभीर बात यह भी है कि बस्तर के जंगलों की यह सीमा तेलंगाना, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और ओडिशा जैसे राज्यों को भी जोड़ती है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि यह नक्सली जंगल के रास्ते दूसरे राज्यों में भी जा रहे हैं। निश्चित तौर से अगर जंगल में रह रहे नक्सलियों के बीच कोरोना वायरस का संक्रमण फैलता है तो भारी मुसीबत पैदा हो सकती है।
एक बड़ी समस्या यह भी है कि इन सब के बीच नक्सलियों से लोहा ले रहे हमारे जवान भी मुश्किलों में फंस गए हैं। हमारे सुरक्षा बल के जवानों को इस मोर्चे पर दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। हमारे बहादुर जवान एक तरफ जहां कोरोना से पहले से ही जंग लड़ रहे हैं तो दूसरी तरफ नक्सली अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं।
आपको बता दें कि कुछ ही दिनों पहले आइजी सुंदरराज पी ने कहा था कि इस समय नक्सली मानवता दिखाएं और शांत रहें ताकि फोर्स को भी शांत रहने का मौका मिल पाए। हालांकि नक्सली वारदातों को अंजाम दे रहे इसलिए फोर्स को भी रोज जंगल में गश्त लगाने को मजबूर होना पड़ रहा है। नक्सल करतूतों का असर यह हुआ है कि फोर्स को कोरोना और नक्सलवाद दोनों मोर्चों पर एकसाथ लड़ना पड़ रहा है। जवानों को कोरोना से बचकर रहने के उपााय बताए गए हैं। रोज उनकी काउंसिलिंग की जा रही है। सभी थानों और कैंपों में मास्क, सेनेटाइजर, दवाइयों आदि का पूरा इंतजाम किया गया है।