दुनिया के विकसित देशों की तुलना में भारत में वायरस का फैलाव बहुत कम

गृह मंत्रालय देशव्यापी लॉकडाउन (Lockdown) की नियमित निगरानी कर रहा है। संयुक्त सचित पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि देश के सभी इलाकों में लोगों की आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सामान्य रूप से हो रही है।

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भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने संक्रमण को रोकने के लिए घोषित लॉकडाउन (Lockdown) के असर के विश्लेषण के आधार पर बताया कि भारत में संक्रमण के बढ़ने की गति विकसित देशों की तुलना में कम है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि भारत में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने की गति और इससे जुड़े आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि देश में संक्रमण के मामले 100 से 1000 तक पहुंचने में 12 दिन लगे‚ जबकि विकसित देशों में इस अवधि में संक्रमित मरीजों की संख्या 3500 से 8000 तक पहुंच गई। इससे स्पष्ट है कि भारत में इसके संक्रमण की दर तुलनात्मक रूप से कम है।

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देश में कोरोना वायरस (Covid19) से संक्रमण के मामले मंगलवार को बढ़कर 1251 हो गए। इनमें से 32 मरीजों की मौत हो गयी है। अग्रवाल ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस (Covid19) से संक्रमण के 227 नए मामले सामने आए हैं‚ जबकि इस अवधि में 5 मरीजों की मौत हुई है। अब तक 102 संक्रमित मरीजों को इलाज के बाद स्वस्थ होने पर अस्पताल से छुट्टी दी गई है।

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इस दौरान भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (IMCR) के ड़ा. रमन आर गंगाखेड़़कर ने बताया कि देश में अब तक संक्रमण के 38540 संदिग्ध मामलों का परीक्षण किया जा चुका है। पिछले 24 घंटों में IMCR की 115 प्रयोगशालाओं में करीब 3600 और निजी क्षेत्र की 47 प्रयोगशालाओं में 500 परीक्षण किए गए।

उन्होंने बताया कि निजी प्रयोगशालाओं को परीक्षण की अनुमति मिलने के बाद इनमें अब तक 1350 परीक्षण किये जा चुके हैं।

गृह मंत्रालय की संयुक्त सचित पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि मंत्रालय देशव्यापी लॉकडाउन (Lockdown) की नियमित निगरानी कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश के सभी इलाकों में लोगों की आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सामान्य रूप से हो रही है।

श्रीवास्तव ने कहा कि शहरों से अपने गांव की ओर वापस लौटे प्रवासी मजदूर‚ जो मार्ग में फंसे हैं‚ उन्हें भोजन और आश्रय की सुविधा देने के लिये सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं।

साथ ही जो मजदूर अपने काम की जगह पर मौजूद हैं‚ उनका वेतन या पारिश्रमिक समय पर देने और मकान मालिकों द्वारा किराया न वसूलने के लिए भी आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

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