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गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यों के सीएम के साथ की बैठक, नक्सलवाद को खत्म करने के लिए सुरक्षा, विकास समेत कई मुद्दों पर बनी रणनीति

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में 26 अगस्त को नई दिल्ली में हुई नक्सल प्रभावित राज्यों की बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत नक्सलग्रस्त 10 राज्यों के मुख्यमंत्री और डीजीपी ने भाग लिया।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में 26 अगस्त को नई दिल्ली में हुई बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत नक्सलग्रस्त 11 राज्यों के मुख्यमंत्रियों और शीर्ष पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने भाग लिया। यह मीटिंग दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई। इस मीटिंग में नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने की रणनीतियों पर चर्चा की गई। मीटिंग में पहुंचे सभी मुख्यमंत्री और आला अधिकारियों ने अपने-अपने राज्यों की स्थिति के बारे में गृहमंत्री को अवगत कराया। बैठक में नक्सलियों के खिलाफ अभियानों और प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा की गई। इस बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (बिहार), नवीन पटनायक (ओडिशा), योगी आदित्यनाथ (उत्तर प्रदेश), कमलनाथ (मध्य प्रदेश), रघुबर दास (झारखंड) वाई एस जगनमोहन रेड्डी (आंध्र प्रदेश) और भूपेश बघेल (छत्तीसगढ़) ने हिस्सा लिया।

बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई को जीतने के लिए उनकी फंडिंग रोकने को मूलमंत्र बताया। वामपंथी उग्रवाद को लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ बताते हुए उन्होंने इसके लिए केंद्र और राज्यों की साझा लड़ाई की जरूरत बताई। झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य में नक्सलियों के उन्मूलन को लेकर केंद्रीय बलों के साथ चलाए जा रहे साझा अभियान के परिणाम की रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में नक्सलवाद अंतिम पड़ाव पर है। उन्होंने इस अभियान को मुकाम तक पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार से मदद की अपेक्षा भी की।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नक्सलियों के विरुद्ध ‘क्लीयर, होल्ड एंड डेवलप’ की नीति के तहत आगे बढ़ रही है। ऐसी स्थिति में यहां केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की नितांत आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने नक्सल घटनाओं में आई कमी की जानकारी दी। गृह मंत्रालय, भारत सरकार के मार्गदर्शन में झारखंड में भी स्पेशल इंटेलीजेंस ब्यूरो (एसआइबी) का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़क संपर्क, पुलिस पिकेट आदि खोले गए हैं, ताकि आपराधिक घटनाएं कम हों। बैठक को संबोधित करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री कुमार ने कहा कि वामपंथी चरमपंथ के खिलाफ केंद्र के साथ राज्यों की संयुक्त जिम्मेदारी है।

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कुमार ने नक्सल प्रभावित इलाकों में केंद्रीय बलों की तैनाती का पूरा आर्थिक बोझ संबंधित राज्य सरकारों पर डाल देने की मौजूदा नीति में बदलाव की जरूरत भी बताई। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में माओवाद से निपटने के लिये और केंद्रीय सहायता की मांग की और कहा कि उनकी सरकार विकासपरक नीतियों के साथ ही लोगों को सुरक्षा मुहैया करा उनमें विश्वास पैदा कर इस संकट को खत्म करेगी। उन्होंने सुरक्षा, राज्यों के बीच समन्वय और विकास संबंधित विभिन्न मुद्दे उठाए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य में नक्सल गतिविधियां पूरी तरह नियंत्रण में हैं और इस खतरे से प्रभावित इलाकों में भी विकास को गति मिली है।

आदित्यनाथ ने कहा कि सीमावर्ती राज्यों से सूचनाओं के आदान-प्रदान से राज्य को फायदा हुआ है। बैठक में बंगाल की सीएम ममता बनर्जी शामिल नहीं हुईं। एक अधिकारी के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, रविशंकर प्रसाद, नरेंद्र सिंह तोमर, अर्जुन मुंडा और महेंद्र नाथ पांडेय भी बाद में बैठक में शामिल हुए और मुख्यमंत्रियों के साथ सड़क, दूरसंचार, कृषि और अन्य मुद्दों पर चर्चा की। गृह मंत्रालय के आकंड़ों के मुताबिक 2009-13 के बीच नक्सल हिंसा के करीब 8,782 मामले सामने आए थे जबकि 2014-18 के बीच 4,969 मामले सामने आए, जो इस हिंसा में 43.4 फीसदी की कमी बताते हैं।

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मंत्रालय ने बताया कि 2009-13 के बीच सुरक्षा बलों समेत करीब 3,326 लोगों की नक्सली हिंसा में मौत हुई जबकि 2014-18 के बीच 1,321 लोगों की मौत हुई। इसमें कुल 60.4 फीसदी कमी आई। इस साल के शुरुआती पांच महीनों में नक्सल हिंसा के करीब 310 मामलों की खबर आई जिनमें 88 लोग मारे गए। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने पिछले महीने कहा था कि सरकार की दृढ़ नीतियों की वजह से हिंसा में कमी आई है और वामपंथ अतिवाद का भौगोलिक प्रसार भी घटा है।

साल 2018 में नक्सली हिंसा की खबरें सिर्फ 60 जिलों में सामने आई। इसमें से दो तिहाई हिंसा सिर्फ 10 जिलों में हुई। बैठक के बाद शाह ने ट्वीट किया, ”वामपंथी चरमपंथ से प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बहुत सार्थक बैठक हुई। इन राज्यों में सुरक्षा और विकास से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। वामपंथी चरमपंथ लोकतंत्र के विचार के खिलाफ है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम इसे उखाड़ फेंकने के लिये प्रतिबद्ध हैं।”

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