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पाकिस्तानी सेना के 5 जवान मारे गये, पाक-चीन की CPEC परियोजना के विरोध के तहत बलूचिस्तान में आतंकी हमला

“बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से खाय…” ये कहावत आज-कल भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान पर बिलकुल सटिक बैठती है। क्योंकि भारत में आतंकी हमले के लिए वहां की सरकार व सेना लगातार प्रयासरत रही है। लेकिन इस बीच वो अपने सरजमीं पर उपजे आतंकवाद का भी खुद शिकार हो गई है। हाल ही में पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत के दो अलग-अलग क्षेत्रों में संदिग्ध आतंकियों द्वारा किए गए हमलों में पाकिस्तान की सेना (Pakistan Army) के कम से कम पांच जवानों की मौत हो गई जबकि दो अन्य घायल हो गये हैं। ये हमला बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा के बाहरी इलाके में कोहलु जिले के दूरदराज के क्षेत्र में सेना के फ्रंटियर कोर के जवानों (Pakistani soldier) को निशाना बनाकर किया गया।

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पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, पहला हमला क्वेटा से बाहर बाइपास क्षेत्र में हुआ।  जहां एक मोटरसाइकिल में रिमोट संचालित बम को रखकर फ्रंटियर कोर के काफिले को निशाना बनाया गया जिसमें एक पाकिस्तानी जवान (Pakistani soldier) की मौत हो गई जबकि दो अन्य घायल हो गए। ये बम धमाका गश्त लगा रही फ्रंटियर कोर की गाड़ी के पास हुआ।

वहीं अधिकारियों के अनुसार, कोहलु जिले के कहान क्षेत्र में दूसरा हमला हुआ। जहां संदिग्ध आतंकियों ने सेना के फ्रंटियर कोर की जांच चौकी को निशाना बनाते हुये हमला किया, जिसमें चार जवानों (Pakistani soldier) की मौत हो गई। हथियारबंद हमलावरों ने जांच चौकी पर अंधाधुंध फायरिंग की जिसका सैनिकों ने भी जवाब दिया। लेकिन अभी तक किसी भी आतंकी के हताहत होने की कोई खबर नहीं मिली है।

गौरतलब है कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के केंद्र बलूचिस्तान में आतंकी और अलगावादी गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है और हाल के दिनों में यहां पाकिस्तानी सुरक्षाबलों (Pakistani soldier) पर हमले बढ़े हैं। 15 फरवरी को भी कच्छ के दूरदराज के इलाके में मौजूद फ्रंटियर कोर की जांच चौकी को निशाना बनाया गया था जिसमें एक जवान की मौत हो गई थी जबकि एक घायल हो गया था।