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FATF ने पाकिस्तान को किया ब्लैक लिस्ट, माना टेरर फंडिंग कर रहा पाक

टेरर फंडिंग रोकने के 11 FATF मानकों में से 10 में पाकिस्तान फेल।

अपनी सरजमीन पर आतंकवाद को शह देने और दुनियाभर से भीख मांगने वाले पाकिस्तान को एक और बड़ा झटका लगा है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स एशिया-पैसिफिक ग्रुप (एफएटीएफ एपीजी) ने पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट कर दिया है। वजह है कि पाकिस्तान उसके मानकों पर खरा नहीं उतर पा रहा है। इससे पहले फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को संदिग्ध सूची में डाल दिया था।

दरअसल, पाकिस्तान एशिया-पैसिफिक ग्रुप (एपीजी) के 10 मानकों को पूरा करने में नाकाम साबित हुआ है। एपीजी की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान अपने कानूनी और वित्तीय प्रणालियों के लिए 40 मानकों में से 32 को पूरा करने में विफल रहा है। इसके अलावा टेरर फंडिंग के खिलाफ सुरक्षा उपायों के लिए 11 मापदंडों में से 10 को पूरा करने में पाकिस्तान विफल साबित हुआ है। अब पाकिस्तान अक्टूबर में ब्लैक लिस्ट हो सकता है, क्योंकि एफएटीएफ की 27-पॉइंट एक्शन प्लान की 15 महीने की समयावधि इसी साल अक्टूबर में खत्म हो रही है।

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बता दें कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा में हो रही है। इसमें पाकिस्तान से जुड़ी म्युचुअल इवेल्यूवेशन रिपोर्ट (MER) पेश होने के बाद उसे मंजूरी दी जानी है। इससे पहले पाकिस्तान ने बुधवार को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स को अनुपालन रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट में 27 सूत्री कार्ययोजना का जिक्र है।

एपीजी ने पाया कि इस्लामाबाद की ओर से कई मोर्चों पर खामियां हैं। साथ ही उसने मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग को रोकने के लिए पाकिस्तान की ओर से की जा रही कोशिशों में कई तरह की खामियां पाई हैं। पाकिस्तान की ओर से 50 पैमानों पर सुधार के दावों को लेकर कोई समर्थन नहीं मिल रहा।

9 देशों के इस क्षेत्रीय संगठन एपीजी में पाकिस्तान 40 पैमानों में करीब तीन दर्जन पैमानों में नाकाम रहा है। साथ ही, 11 ‘प्रभावकारी’ पैमानों पर भी पाकिस्तान 10 में फिसड्डी साबित हुआ है। अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इंग्लैंड के दबाव के बाद फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) पाकिस्तान को जून 2018 से संदिग्ध सूची में डाल चुका है।

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क्या है ब्लैक लिस्ट होने का मतलब?

एफएटीएफ द्वारा किसी देश को ब्लैकलिस्ट करने का सीधा मतलब है कि वह देश मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में सहयोग नहीं कर रहा है। ऐसे में एफएटीएफ की ओर से पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट करने के बाद इससे आईएमएफ, वर्ल्ड बैंक, यूरोपीय संघ जैसे बहुपक्षीय कर्जदाता उसकी ग्रेडिंग कम कर सकते हैं। लिहाजा, दुनियाभर के देशों की ओर से आर्थिक सहायता मिलने का रास्ता पूरी तरह से बंद हो जाएगा।

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