हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में CRPF हमेशा से सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़ कर हिस्सेदारी लेती है। आम इंसानों के बीच जाकर उनके दुःख दर्द में भी शामिल होती है। कई जगहों पर CRPF द्वारा स्वास्थ कैम्प लगाकर लोगों को स्वास्थ सम्बंधी जांच एवं दवाएं मुहैया कराती है तो वहीं शिक्षा में जागरूकता को लेकर भी CRPF काम करती है। साथ ही पर्यावरण जागरूकता एवं स्वच्छता सम्बंधी अभियान भी चलाती है।
बिहार के गया में 10 मार्च को आमस कैंप के प्लाटून कमांडर अवधेश कुमार सिंह के नेतृत्व में प्रखंड क्षेत्र के नक्सल प्रभावित झरी और बघमरवा गांव का दौरा किया। वहां उन्होंने गांव वालों से मुलाकात की। CRPF के जवानों ने मुलाकात के दौरान क्षेत्र की कई सारी समस्याओं पर चर्चा भी किया।
प्लाटून कमाडर अवधेश सिंह ने गांव की महिलाओं से विनती की कि सभीं अपने बच्चों को हर हाल में स्कूल भेजें। उन्हें एक बेहतर शिक्षा दें ताकि ये बच्चे आगे चलकर एक खुशहाल जीवन यापन कर सकें। साथ ही ये भी आश्वासन दिया कि अगर बच्चों को पढ़ाने में आप सब को कोई आर्थिक समस्या हो रही है तो CRPF कैंप में अधिकारियों से मिलकर बताएं। आपकी इस आर्थिक दिक्कत में सीआरपीएफ टीम पूरी तरह से मदद करेगी।
प्लाटून कमांडर अवधेश सिंह ने लोगों से कहा कि कुछ लोग रास्ते भटक चुके हैं। जो भटके लोग समाज की मुख्यधारा से जुड़ना चाहते हैं, हिंसा छोड़कर एक खुशहाल जीवन गुज़ारना चाहते हैं तो वे आत्मसमर्पण कर दें। आत्मसमर्पण करने वाले लोगों की पूरी मदद की जाएगी। साथ ही साथ उनके परिवार को सहायता दी जाएगी। क्षेत्र भ्रमण के दौरान CRPF के जवानों ने राज्य की तमाम कल्याणकारी योजनाओं के बारे में भी लोगों को अवगत कराया। CRPF के इस कार्य की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है। राष्ट्रसेवा में इनका खास योगदान रहता है।