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Chhattisgarh: सुकमा में सामने आई नक्सलियों की काली करतूत, लापता युवक को ढूढ़ने गए 4 ग्रामीणों को किया अगवा

सांकेतिक तस्वीर।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में सरकार और प्रशासन की सख्ती के चलते नक्सलियों (Naxals) का वर्चस्व कमजोर हो रहा है। सुरक्षाबल लगातार नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले (Sukma) जिले में नक्सलियों (Naxalites) की एक कायराना करतूत सामने आई है। जिले के कोटकपल्ली में लापता हुए एक युवक की तलाश करने गए चार ग्रामीणों को नक्सलियों ने अगवा (Villagers Abducted by Naxalites) कर लिया है। 14 सितंबर के बाद से लापता इन चारों का कोई सुराग नहीं मिला है।

बताया जाता है कि ये सभी नक्सलियों (Naxals) के कब्जे में हैं। इधर, 22 सितंबर को उस लापता ग्रामीण उईका हुंगा का शव बरामद किया गया है, जिसकी तलाश की जा रही थी। इस मामले को लेकर 24 सितंबर को सुकमा के कुम्हाररास भवन में सर्व आदिवासी समाज की बैठक हुई थी। इस बैठक में संगठन के सुकमा, कोंटा और छिन्दगढ़ ब्लॉक के अध्यक्ष भी मौजूद थे।

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बैठक में अगवा किए गए ग्रामीणों के परिजन ने समाज प्रमुखों से अपील करते हुए कहा कि उनके चार रिश्तेदार 14 सितम्बर से घर नहीं लौटे हैं। उन्हें आशंका है कि नक्सलियों (Naxalites) ने उनका अपहरण (Villagers Abducted by Naxalites) कर लिया है। उनका नाम उईका पाण्डू, उईका धुर्वा, सीते व उईका जोगी है।

वे हुंगा की तलाश में जंगल गए थे, लेकिन नक्सलियों (Naxals) ने हुंगा की हत्या कर शव जंगल में फेंक दिया था। हुंगा का शव बरामद हो गया है, लेकिन परिजन अब तक नहीं लौटे हैं। ब्लॉक अध्यक्ष संजय सोढ़ी के मुताबिक उन्हें जानकारी मिली है कि कुन्देड़ के चार ग्रामीण अभी भी नक्सलियों के कब्जे में है। सर्व आदिवासी समाज ने नक्सलियों से अपील की है कि वे इन निर्दोष ग्रामीणों को सुरक्षित छोड़ दिया जाए।

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बता दें कि छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में सरकार और प्रशासन की सख्ती के चलते नक्सलियों (Naxals) का वर्चस्व कमजोर हो रहा है। सुरक्षाबल लगातार नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। एंटी नक्सल अभियानों के तहत नक्सिलयों की गिरफ्तारी हो रही, वे सरेंडर कर रहे या फिर एनकाउंटर में मारे जा रहे हैं।

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साथ ही पुलिस प्रशासन की कोशिशों से लोगों का विश्वास मजबूत हुआ है। अब नक्सल प्रभावित इलाके (Naxal Area) के लोग भी खुलकर नक्सलियों के खिलाफ सामने आ रहे हैं। यह नक्सलियों के लिए बड़ी हार है। ऐसे में नक्सली बौखला गए है। बौखलाहट में आकर वे आम लोगों में दहशत पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। इतना ही नहीं, वे गांव वालों की हत्या भी करने लगे हैं।