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बस्तर में बढ़ा आंध्र प्रदेश में मिले कोरोना स्ट्रेन का खतरा, बॉर्डर सील; जंगल के रास्ते आ रहे मजदूर

लॉकडाउन (Lockdown) के कारण अंतरराज्यीय परिवहन बंद है। जो वाहन आ रहे हैं, उनकी जांच की जा रही है। ऐसे में मजदूर (Labourers) जंगल के रास्ते अपने घरों तक पहुंचने लगे हैं।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर (Bastar) में आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में मिले कोरोना (Coronavirus) के स्ट्रेन का खतरा बढ़ गया है। इसके चलते पड़ोसी राज्यों की सीमाएं सील कर दी गई हैं। जगह-जगह चेकपोस्ट बनाकर जांच की जा रही है। लॉकडाउन (Lockdown) के कारण अंतरराज्यीय परिवहन बंद है। जो वाहन आ रहे हैं, उनकी जांच की जा रही है।

ऐसे में मजदूर (Labourers) जंगल के रास्ते अपने घरों तक पहुंचने लगे हैं। ये मजदूर बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा और जगदलपुर से तेलंगाना (Telangana) के धर्माराम मजदूरी करने गए थे। तेलंगाना से यहां तक पहुंचने के लिए इन्हें करीब 200 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी पड़ी है।

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जिन जंगल के रास्तों का उपयोग मजदूर कर रहे हैं, वो पूरी तरह से नक्सल प्रभावित क्षेत्र है। इसके कारण प्रशासन को भी इसका पता नहीं लग पा रहा है। इनकी न तो कोरोना जांच हुई है और न ही प्रशासन के रजिस्टर में इन मजदूरों (Labourers)  के नाम दर्ज हैं।

बीजापुर में भोपालपट्नम के SDM हेमेंद्र बुआर्य कहते हैं कि चेक पोस्ट से गुजरने वाले हर किसी की जांच हो रही है। गर्मी के चलते नदी-नाले सूखे हुए है, इसलिए ज्यादातर मजदूर जंगल के रास्तों से भी आ रहे हैं। नक्सल इलाका होने की वजह से थोड़ी परेशानी होती है, जब ग्रामीण सड़क पर पहुंचते हैं तो उन तक पहुंच जाते हैं।

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वहीं, सुकमा के कोंटा के एसडीएम बनसिंह नेताम का कहना है कि ग्रामीण अंचलों और जंगल के रास्तों पर भी हमारी नजर है। जो भी लोग आ रहे हैं, उनके नामों की एंट्री व जांच भी की जा रही है।