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Bihar: औरंगाबाद में एंटी नक्सल ऑपरेशन को दौरान मिली कामयाबी, देसी राइफल और कारतूस बरामद

छापामारी अभियान के दौरान झरना जंगल के पहाड़ी में पत्थरों के बीच बंकर में नक्सलियों (Naxalites) के द्वारा छिपाकर रखे गए हथियार एवं कारतूस को देखा गया।

बिहार (Bihar) के औरंगाबाद जिले के ढिबरा थाना क्षेत्र में पुलिस को 11 मार्च को नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ कामयाबी हाथ लगी। इलाके के झरना जंगल में नक्सलियों के खिलाफ छापामारी अभियान में एक देसी राइफल, चार कारतूस एवं एक खोखा बरामद हुआ। भलुआही कैंप के एसएसबी (SSB) एवं ढिबरा थाना पुलिस (Police) की संयुक्त छापामारी अभियान में यह सफलता मिली है।

छापामारी की भनक लगते ही नक्सली घने जंगलों में बचकर भाग निकले। जिल के एसपी सुधीर कुमार पोरिका ने छापामारी अभियान में हथियार, कारतूस एवं खोखा की बरामदगी की पुष्टि की है। एसपी के मुताबिक, जंगल में भलुआही कैंप के 29वीं वाहिनी एसएसबी के कंपनी कमांडर सोहेल आलम के नेतृत्व में ढिबरा थाना पुलिस के द्वारा संयुक्त रूप से नक्सलियों के खिलाफ छापामारी अभियान चलाया जा रहा था।

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इसी दौरान झरना जंगल के पहाड़ी में पत्थरों के बीच बंकर में नक्सलियों (Naxalites) के द्वारा छिपाकर रखे गए हथियार एवं कारतूस को देखा गया। हथियार एवं कारतूस को प्लास्टिक में लपेटकर रखा गया था। एसएसबी के सुरक्षाबलों ने सावधानी से रस्सी के सहारे उसे बाहर निकाला। बाहर निकाले जाने के बाद 315 बोर का एक देसी रायफल, चार कारतूस एवं एक खोखा पाया गया।

बरामद हथियार एवं कारतूस को ढिबरा थाना पुलिस को सुपुर्द कर दिया गया है। सुरक्षाबलों के अनुसार, झरना और महुलान का जंगल नक्सलियों का गढ़ है। इस जंगल में नक्सलियों का जमावड़ा लगा रहता है। सुरक्षाबलों के अनुसार, इस जंगल में नक्सली (Naxals) कई जगहों पर आईईडी बम (IED Bomb) भी लगा कर रखते हैं।

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सुरक्षाबलों को सर्च ऑपरेशन में आईईडी विस्फोट का डर बना रहता है। इसलिए सर्च ऑपरेशन के दौरान काफी सावधानी बरती जाती है। बता दें कि झरना और महुलान का जंगल झारखंड से पलामू के हरिहरगंज के लगा है। सीमाई इलाका होने की वजह से नक्सली इसे अपना सुरक्षित पनाहगार मानते हैं।