नई दिल्ली में पोम्पियो (Mike Pompeo) और एस्पर तथा उनके भारतीय समकक्ष तीसरे सालाना अमेरिका-भारत टू-प्लस-टू मंत्री स्तरीय वार्ता का नेतृत्व करेंगे।
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो (Mike Pompeo) तीसरे भारत-अमेरिका ‘टू-प्लस-टू’ वार्ता के लिए अगले हफ्ते भारत का दौरा करेंगे। 27 अक्टूबर को माइक पॉम्पिओ और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर (Mark Esper) भारत में होंगे। दोनों अपने-अपने समकक्षों यानी एस जयशंकर (S Jaishankar) और राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) से मुलाकात करेंगे।
पोम्पियो की एक महीने से भी कम समय में एशिया का यह दूसरा दौरा होगा। वह मालदीव, श्रीलंका और इंडोनेशिया भी जाएंगे। पोम्पियो ने कहा कि हमारे दोस्तों एवं साझेदारों के साथ सार्थक बातचीत करने के लिये भारत, श्रीलंका, मालदीव और इंडोनेशिया के अपने आगामी दौरे को लेकर और (अमेरिकी) रक्षा मंत्री मार्क एस्पर तथा ‘हमारे भारतीय’ समकक्षों के साथ टू-प्लस-टू’ वार्ता को लेकर मैं आशावादी हूं।
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उन्होंने कहा कि हर देश में रूकने के दौरान द्विपक्षीय विषयों से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा होगी। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चर्चा में यह भी शामिल होगा कि किस तरह से एक स्वतंत्र एवं खुला हिंद-प्रशासंत क्षेत्र कायम रखा जाए।
उन्होंने कहा कि मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि बैठकों में इन विषयों पर भी चर्चा शामिल होगी कि किस तरह से स्वतंत्र राष्ट्र चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा पेश किए जा रहे खतरों को नाकाम करने के लिए साथ मिल कर काम कर सकते हैं।
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पोम्पियो के प्रवक्ता मोर्गन ओर्तगस ने कहा कि नई दिल्ली में पोम्पियो और एस्पर तथा उनके भारतीय समकक्ष तीसरे सालाना अमेरिका-भारत टू-प्लस-टू मंत्री स्तरीय वार्ता का नेतृत्व करेंगे। इसका उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में और विश्व में स्थिरता एवं समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए सहयोग बढ़ाना है।
इस दौरान बेसिक एक्सचेंज ऐंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट फॉर जियोस्पेशियल कोऑपरेशन (BECA) पर हस्ताक्षर होंगे। लंबे वक्त से इसकी कोशिशें चल रही थी। अमेरिका के साथ BECA से भारत को बेहद सटीक जियोस्पेशियल डेटा मिलेगा जिसका मिलिट्री में बेहतरीन इस्तेमाल किया जा सकता है।
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बता दें कि BECA उन तीन मूल समझौतों में आखिरी है जो अमेरिका अपने खास सहयोगियों संग करता है। इससे संवेदनशील और क्लासिफाइड जानकारी साझा करने के रास्ते खुलते हैं। बाकी दो समझौते मिलिट्री लॉजिस्टिक्स और सिक्योर कम्युनिकेशंस के लिए हैं। BECA का मकसद नॉटिकल और एयरोनॉटिकल चार्ट्स समेत जियोस्पेशियल डेटा की साझेदारी है। अमेरिका के सटीक सैटेलाइट्स के डेटा से मिलिट्री ठिकानों को निशाना बनाने के साथ-साथ नेविगेशन में भी मदद मिलेगी।