हिंसा की आग में जल रहे अफगानिस्तान (Afghanistan) एक बार फिर दहल गया है। वहां के पश्चिमी हेरात राज्य में एक कार बम ब्लास्ट में कम से कम 8 नागरिकों की मौत हो गई जबकि 47 अन्य नागरिक घायल हो गये हैं। प्रांतीय अस्पताल के प्रवक्ता रफीक शेरजई ने के अनुसार, घायल हुए कुछ नागरिकों की हालत गंभीर है जिससे मरने वालों क संख्या बढ़ने की आशंका हैं। इस धमाके में नजदीक के 14 मकान भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
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अफगान सरकार के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक अरियान के अनुसार, मरने वालों में एक बच्चा भी शामिल है, वहीं हमले में अफगानिस्तान (Afghanistan) सुरक्षाबल के 11 जवान भी घायल हो गये हैं। अभी तक किसी भी आतंकी संगठन ने इस ब्लास्ट की जिम्मेदारी नहीं ली है।
इस ब्लास्ट के कुछ घंटे के बाद ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने न्यूयॉर्क में एक प्रेस रिलीज जारी कर इस हमले की निंदा की और बताया कि अफगानिस्तान (Afghanistan) की मौजूदा सरकार और तालिबान के बीच कतर में दोबारा बातचीत शुरू होने के बावजूद वहां आम नागरिकों को निशाना बनाकर किए जा रहे हमले ‘खतरे की घंटी’ है।
सुरक्षा परिषद के अनुसार, ये जघन्य हमले प्रशासनिक व न्यायिक सेवा, मीडिया, स्वास्थ्य सेवा में कार्यरत लोगों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को निशाना बनाकर किए जा रहे हैं। इसमें महत्वपूर्ण पद पर आसीन कुछ महिलाएं भी शामिल हैं। साथ ही इनके निशाने पर वे लोग भी हैं जो मानवाधिकारों, जातीय व धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा करने के लिए काम कर रहे हैं।