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विंग कमांडर धीरेंद्र सिंह जाफा 1971 की जंग में थे युद्धबंदी, पाक सेना ने दी थीं असहनीय यातनाएं

War of 1971: पाकिस्तानी आम जनता ने विंग कमांडर धीरेंद्र सिंह जाफा (Dhirendra Singh Jafa) को बुरी तरह से मारा था, हालांकि पाक सेना के पहुंचने के बाद उनकी जान बचा ली गई।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में लड़े गए युद्ध के दौरान विंग कमांडर धीरेंद्र सिंह जाफा (Dhirendra Singh Jafa) बहादुरी का परिचय दिया था। युद्ध के दौरान दुश्मनों को नुकसान पहुंचाने के दौरान वे पाकिस्तानी सेना की कैद में आ गए थे। कैद में आने के बाद पाकिस्तानी सेना ने उन्हें असहनीय यातनाएं दी थीं।

पाकिस्तानी सेना ने उन्हें बुरी तरह से मारा-पीटा था। असहनीय दर्द देने के लिए पाकिस्तानी सैनिकों ने हर हद पार कर दी थी। दरअसल विंग कमांडर धीरेंद्र सिंह जाफा (Dhirendra Singh Jafa) के सुखोई विमान को उस वक्त पाकिस्तानी सेना ने मार गिराया था जब वे लाहौर में बमबारी करने गए थे। सुखोई के क्रैश होने पर जाफा ने पैराशूट के जरिए बच निकलने की कोशिश की थी।

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हालांकि ये कोशिश विफल साबित हुई और वे पाकिस्तानी आम नागरिकों द्वारा पकड़े गए थे। पाकिस्तानी आम जनता ने उन्हें बुरी तरह से मारा था, हालांकि पाक सेना के पहुंचने के बाद उनकी जान बचा ली गई। जान तो बच गई थी लेकिन पाकिस्तानी सेना ने इसके बाद उन्हें बुरी तरह से टॉर्चर किया था।

पाकिस्तानी सेना के इस अत्याचार को उन्होंने ‘डेथ वॉज नॉट पेनफुल: स्टोरीज ऑफ इंडियन फाइटर पायलट्स’ नाम की किताब में साझा किया है। उन्होंने इस युद्ध के दौरान युद्धबंदी के तौर पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार को इस किताब में बखूब बयां किया है।

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बांग्लादेश की आजादी के लिए लड़े गए इस युद्ध में भारतीय सेना ने ऐसा पराक्रम दिखाया था जिसे यादकर दुश्मन देश आज भी कांप उठता होगा। युद्ध में जीत के साथ ही पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों ने भारत के सामने सरेंडर किया था।