War of 1971: बांग्लादेश (Bangladesh) की आजादी के लिए लड़े गए इस युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) ने बांग्लादेश की मुक्ति वाहिनी सेना के साथ मिलकर पाकिस्तान (Pakistan) को हराया था।
भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में युद्ध (War of 1971) लड़ा गया था। यह युद्ध बांग्लादेश (पूर्वी पाकिस्तान) की आजादी के लिए लड़ा गया था। युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था। भारतीय सेना ने ढींगे हांकने वाली पाक सेना के 90 हजार सैनिकों को बंदी बनाया था। महज 13 दिन चले इस युद्ध में भारतीय सेना का जबरदस्त पराक्रम देखने को मिला था।
दरअसल, 3 दिसंबर, 1971 के दिन पाकिस्तान ने भारत के 11 एयरबेस पर हवाई हमला कर दिया था। इसके बाद भारतीय सेना ने ऐसा कहर बरपाया जिसे याद कर दुश्मन देश आज भी थर-थर कांप उठता होगा। युद्ध में जीत के साथ ही पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों ने भारत के सामने सरेंडर किया था।
पाकिस्तानी सेना के सरेंडर के दौरान दोनों देशों की सेना ने सैन्य जीत का जश्न मनाया था। युद्ध से पहले भारतीय सेना ने ही मुक्तिवाहिनी (बांग्लादेश की सेना) के लड़ाकों को प्रशिक्षण दिया गया था।
खचाखच भरे रेसकोर्स स्टेडियम में ढाका की जनता इस ऐतिहासिक दृश्य को अपनी आंखों से देख रही थी। भारत ने पाकिस्तान के 90,000 से 93,000 सैनिकों और नागरिकों को गिरफ्तार किया था।
युद्ध के 8 महीने बाद शिमला समझौते के तहत इन पाकिस्तानी युद्धबंदियों को रिहा कर दिया गया। बांग्लादेश की आजादी के लिए लड़े गए इस युद्ध में भारतीय सेना ने बांग्लादेश की मुक्ति वाहिनी सेना के साथ मिलकर पाकिस्तान को हराया था।
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इस युद्ध (War of 1971) में भारत की जीत के कई कारण थे। एक मुख्य कारण यह था कि भारत के पास उस समय एक मजबूत लीडरशिप थी। उस वक्त भारत की लीडरशिप इंदिरा गांधी के नेतृत्व में स्ट्रांग थी।