Hindi News (हिंदी समाचार), News in Hindi, Latest News In Hindi

War of 1971: ‘शौर्य चक्र’ विजेता रिटायर्ड सूबेदार सेवा सिंह चौहान ने अकेले ही किए थे 5 बम डिफ्यूज, जानें इनकी बहादुरी की कहानी

War of 1971

War of 1971: युद्ध के दौरान चौहान बॉम्बे इंजिनियरिंग रेजिमेंट में सूबेदार थे और जीरा सेक्टर में पोस्टेड थे। युद्ध के दौरान ही पंजाब के फिरौजपुर के पास जीरा सेक्टर में दुश्मनों ने हवाई हमला बोल दिया।

भारत और पाकिस्तान के बीच बांग्लादेश मुक्ति के लिए लड़े गए युद्ध (War of 1971) में इंडियन आर्मी (Indian Army) ने दुश्मनों को छठी का दूध याद दिला दिया था। भारत के खिलाफ लड़ना पाकिस्तान को बहुत भारी पड़ा था। पाकिस्तान के कई हजार सैनिकों ने हमारे सामने सरेंडर कर दिया था। युद्ध में हार के बाद पाकिस्तान को अपना एक प्रांत खोना पड़ा और दुनिया के नक्शे पर बांग्लादेश नाम का देश सामने आया।

इस युद्ध में भारतीय सेना से रिटायर्ड सूबेदार सेवा सिंह चौहान ने बेहद ही अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने अकेले ही दुश्मन देश के 5 बम डिफ्यूज कर दिए थे। उनकी इस बहादुरी की मिसालें आज भी दी जाती हैं।

Kargil War: जब पाक सेना की मशीन गन से इस जवान ने की ताबड़तोड़ फायरिंग, घायल होने के बावजूद दुश्मनों को किया ढेर

दरअसल, युद्ध के दौरान चौहान बॉम्बे इंजिनियरिंग रेजिमेंट में सूबेदार थे और जीरा सेक्टर में पोस्टेड थे। युद्ध के दौरान ही पंजाब के फिरौजपुर के पास जीरा सेक्टर में दुश्मनों ने हवाई हमला बोल दिया। हमले के दौरान 5 बम गिराए गए, लेकिन भारत के पास इन्हें डिफ्यूज करने की तकनीक नहीं थी।

ऐसे में क्या करें और क्या नहीं, सब इस बात को लेकर माथा-पच्ची कर रहे थे। तभी सूबेदार सेवा सिंह चौहान ने अपनी जान जोखिम में डाल एक-एक बम को सफलतापूर्वक डिफ्यूज कर दिया था।

ये भी देखें-


कई टन वजन वाले बमों को डिफ्यूज  करना कोई आसन काम नहीं था। लेकिन उन्होंने यह कर दिखाया। अगर यह बम ब्लास्ट हो जाते तो नुकसान का अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता था। सेवा सिंह की इस बहादुरी और जज्बे को सलाम करते हुए साल 1972 में उन्हें ‘शौर्य चक्र’ से सम्मानित किया गया।