War of 1971: अमेरिका पाकिस्तान का साथ देने के लिए साफ इनकार कर चुका था ऐसे में पाकिस्तान को चीन की याद आई। पाकिस्तान ने चीन से युद्ध में मदद देने के लिए कहा।
भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध (War of 1971) में अमेरिका और चीन ने पाकिस्तान का साथ नहीं दिया था। अमेरिका ने युद्ध की शुरुआत में तो पाकिस्तान का कुछ हद तक साथ दिया था, लेकिन बाद में वह पूरी तरह से पीछे हट गया था। वहीं, चीन ने भारत के साथ राजनीतिक समझौतों और व्यापार में होने वाले नुकसान को ध्यान में रखकर पाकिस्तान को उसके हाल पर छोड़ दिया था।
फिर क्या था, अकेला पड़ चुका पाकिस्तान युद्ध में बुरी तरह हारा। बांग्लादेश की आजादी के लिए लड़े गए इस युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) ने पाकिस्तानी सेना को बुरी तरह से हराया था। दो परमाणु सशस्त्र पड़ोसी मुल्कों के बीच 13 दिन तक यह युद्ध चला था।
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दरअसल, पाकिस्तान को उम्मीद थी कि इस युद्ध में अमेरिका और चीन उसकी मदद करेंगे। उस दौरान अमेरिका ने पाकिस्तान की मदद के लिए अपे सेवंथ फ्लीट बेड़े को हिंद महासागर में डियेगो गार्सिया तक भेज दिया था, पर जैसे ही भारत ने रूस के साथ समझौता किया, रूस ने भारत की मदद के लिए अपनी न्यूक्लियर सब मरीन भेजी थी। जो भारत के लिए मददगार साबित हुई थी।
अमेरिका पाकिस्तान का साथ देने के लिए साफ इनकार कर चुका था, ऐसे में पाकिस्तान को चीन की याद आई। पाकिस्तान ने चीन से युद्ध में मदद देने के लिए कहा। लेकिन चीन ऐसा करने से इनकार कर दिया। भारत के सामने पाकिस्तानी सेना कहीं नहीं टिक पाई।
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अमेरिका-चीन के युद्ध में पीछे हट जाने से भारत का पलड़ा मजबूत हुआ और भारत ने 16 दिसंबर, 1971 को पाकिस्तान को 93,000 सैनिकों के साथ समर्पण करवा लिया और पूर्वी बांग्लादेश को स्वतंत्र करा लिया। युद्ध छेड़ने से पहले भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर बांग्लादेश की रिफ्यूजी समस्या को जोरदार ढंग से उठाया था, जिससे अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी भारत की सराहना हुई।