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साथी की जान बचाने के लिए कुर्बान कर देते हैं अपनी जिंदगी, ऐसे होते हैं Indian Army के शूर वीर

इंडियन आर्मी के जवान।

Indian Army: सेना के जवान अपने साथी की जान बचाने के लिए गोली खा लेते हैं और जंग के मैदान में ही शहीद हो जाते हैं। देश की रक्षा के लिए भारतीय सेना के जवान किसी भी हद तक गुजरने के लिए तैयार रहते हैं। 

देश की रक्षा के लिए भारतीय सेना (Indian Army) के जवान किसी भी हद तक गुजरने के लिए तैयार रहते हैं। ऐसे कई मौके आए हैं जब हमारे जवानों ने जान की बाजी लगाकर देश की रक्षा की है। कई मौकों पर हमारे जवानों ने खुद की जान की परवाह किए बिना अपने साथी और अपनी टीम की हिफाजत की है।

ऐसी कई मिसालें हैं जिसमें हमारे जवान ने अपने प्राणों की आहूति देकर देश प्रेम का उदाहरण दिया है। युद्ध में शहीद जवानों ने ऐसा पराक्रम दिखाया है जिसे आज भी यादकर बहादुरी की मिसाल पेश की जाती है। ये सेना के ऐसे जवान होते हैं जो कि अपने साथी की जान बचाने के लिए गोली खा लेते हैं और जंग के मैदान में ही शहीद हो जाते हैं।

1962 का युद्ध: चीन आठ गुना ज्यादा सैनिक के साथ जंग के मैदान में उतरा था, Indian Army ने फिर भी दिखाया दमखम

इनकी बहादुरी के किस्से हमेशा जिंदा रहते हैं। युद्ध के दौरान भारतीय जवान गहरे जख्मों के बावजूद अपना हौसला नहीं खोते। सेना के ऐसे कई जवान हैं जिन्होंने गोली लगने और घायल होने के बावजूद अदम्य साहस का परिचय दिया था। कई जवानों ने तो युद्ध के दौरान अपना पैर गंवा दिया तो कई जवानों ने हाथ, कई जवानों ने आंखे तो कई जवानों ने शरीर के अन्य अंग।

हर युद्ध भारतीय सेना (Indian Army) के शौर्य की गाथा को बयां करता है। युद्ध में हमारे वीर सपूत हर मोर्चे पर दुश्मनों को फेल करने के लिए जाने जाते हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल का भीषण युद्ध लड़ा गया था।

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इसके अलावा चीन के खिलाफ 1962 और पाकिस्तान के खिलाफ 1971, 1965 और 1948 में युद्ध लड़ा गया था। इन युद्ध में हमारे जवानों ने देश और साथी की जान बचाने के लिए कुर्बानियां दी हैं जिसे आज भी याद किया जाता है।