1962 का युद्ध: चीन आठ गुना ज्यादा सैनिक के साथ जंग के मैदान में उतरा था, Indian Army ने फिर भी दिखाया दमखम

भारतीय सेना (Indian Army) के जवान हर मोर्चे पर युद्ध के लिए तैयार रहते हैं। हमारे जवान दुश्मनों से देश को बचाने के लिए किसी भी हद तक गुजर सकते हैं। ऐसा एक नहीं बल्कि कई मौकों पर देखा जा चुका है।

सांकेतिक तस्वीर

Indian Army: चीनी सेना ने भारतीय सेना पर धोखे से हमला किया था। जवानों ने कई जगह तो बिना हथियार के ही हाथों से लड़ाई लड़ी थी। हमारे जवानों (गोरखा रेजीमेंट) ने खूकरी और बंदूक के जरिए कई चीनी सैनिकों को ढेर कर दिया था।

भारतीय सेना (Indian Army) के जवान हर मोर्चे पर युद्ध के लिए तैयार रहते हैं। हमारे जवान दुश्मनों से देश को बचाने के लिए किसी भी हद तक गुजर सकते हैं। ऐसा एक नहीं बल्कि कई मौकों पर देखा जा चुका है। हमारे जवान देश सेवा के लिए जीते हैं और देश सेवा के लिए मर मिटते हैं।

आपको जानकर हैरानी होगी कि 1962 में चीन के खिलाफ लड़े युद्ध में चीन की सेना कई गुना ज्यादा सैनिक के साथ हमारे खिलाफ जंग के मैदान में उतरी थी लेकिन इसके बावजूद हमारे सैनिकों ने कड़ी चुनौती पेश की थी।

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जवानों ने कई जगह तो बिना हथियार के ही हाथों से लड़ाई लड़ी थी। युद्ध के दौरान हमारे जवानों (गोरखा रेजीमेंट) ने खूकरी और बंदूक के जरिए कई चीनी सैनिकों को ढेर कर दिया था।

कम संख्या में उतरे भारतीय सैनिकों का ज्यादा चीनी सैनिकों को घायल करना यही बताता है कि युद्ध में चीन को कड़ी टक्कर मिली थी। दस-दस चीनी सैनिकों से एक-एक जवान ने लोहा लिया था। हालांकि मॉर्डन हथियारों के अभाव में हमारी सेना को अंत में ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा था।

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मालूम हो कि इस युद्ध में चीनी सेना ने भारतीय सेना (Indian Army) पर धोखे से हमला किया था। जवाबी कार्रवाई में हमारे कई सैनिक शहीद और घायल हो गए थे। चीनी सैनिक इस युद्ध में पूरी तैयारी के साथ आए थे जबकि हम अधूरी तैयारी के साथ जंग के मैदान में उतरे थे।

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