Hindi News (हिंदी समाचार), News in Hindi, Latest News In Hindi

पहाड़ पर युद्धाभ्यास के हैं कई फायदे, 1962 और 1999 के युद्ध के बाद सेना के लिए हो गया बेहद जरूरी

फाइल फोटो।

Indian Army: बीते कुछ दशकों में पहाड़ पर युद्धाभ्यास (Maneuver) को काफी गंभीरता से लिया गया है। सियाचिन इनमें से एक है। यहां जवानों ने तमाम चुनौतियों का सामना किया।

भारत ने अबतक पाकिस्तान और चीन के खिलाफ युद्ध लड़े हैं। आजादी के बाद से अबतक सबसे ज्यादा पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध लड़े गए हैं। वहीं, एक युद्ध 1962 में चीन के खिलाफ लड़ा गया था। भारत सिर्फ इस युद्ध में ही हारा है, क्योंकि हमारे जवान संसाधनों की कमी के साथ जंग के मैदान में उतरे थे।

भारत जितने भी युद्ध लड़ा है, वह हिमालय पर्वत श्रृंखला होने की वजह से युद्ध पहाड़ियों पर ही होते आए हैं। पहाड़ पर दुश्मन सैनिकों की घुसपैठ कब युद्ध में तब्दील हो जाती है, पता ही नहीं चलता।

Kargil War 1999: युद्ध में पाकिस्तानी सेना की हालत थी खराब! न खाना था न थे कपड़े

इन युद्धों से भारत ने काफी सबक लिया है और पहाड़ों में किस तरह से युद्ध लड़ा जाए और जीता जाए, इसपर खासा ध्यान दिया है। इसी को देखते हुए  पहाड़ पर युद्धाभ्यास (Maneuver) किए जाते हैं। भारतीय सेनाएं (Indian Army) समय-समय पर पहाड़ों पर युद्धाभ्यास करती आई है।

बीते कुछ दशकों में पहाड़ पर अपने युद्धाभ्यास को काफी गंभीरता से लिया गया है। सियाचिन इनमें से एक है। यहां जवानों ने तमाम चुनौतियों का सामना किया और कठिन तप से दुर्गम पहाड़ पर खुद को जीवट बनाए रखने में कामयाबी पाई। निश्चित रूप से इसका सुखद परिणाम कारगिल और बीते कुछ महीनों में चीन से हुई हिंसक तकरार के दौरान देखने को मिला है।

ये भी देखें-

युद्धाभ्यास (Maneuver) आर्मी, नौसेना और एयरफोर्स तीनों सेनाओं में होते हैं। अलग-अलग देशों के अलग-अलग युद्धाभ्यास हैं। कुछ युद्धाभ्यास देश के भीतर मौजूद सेनाएं आपस में करती हैं, तो कुछ अन्य देश की सेनाओं के साथ मिलकर होते हैं। इनके जरिए दुश्मनों को किस तरह से एक खास रणनीति के तहत हराना है, इसपर खासा ध्यान दिया जाता है। युद्धाभ्यास को ‘वॉर गेम’ भी कहा जाता है।