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एयरबेस के जरिए तुरंत दुश्मन पर बरपाया जाता है कहर, जानें इसकी खासियत

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Indian Air Base: विमानों के जरिए आसमान में 400 से 500 किमी दूर तक की गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है। पाकिस्‍तान हो या चीन, भारत में रहकर ही इनकी हवाई निगरानी की जाती है।

भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) किसी भी विपरीत परिस्थिति के लिए हमेशा तैयार रहती है। ऐसे कई मौके आए हैं जब एयरबेस पर तैनात लड़ाकू जहाज के पायलटों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया हो। युद्ध के दौरान तो एयरबेस (Air Base) की भूमिका बेहद अहम हो जाती है।

सीमा के समीप स्थित दुश्मनों का सामना करना के लिए एयरबेस के पायलट जब उड़ान भरते हैं तो दुश्मन थर-थर कांप उठते हैं। एयरबेस को मिलिट्री एयरपोर्ट के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर वायु सेना के पास मौजूद सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमानों, हेलिकॉप्टर और अन्य जहाज की तैनाती की जाती है।

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इन विमानों के जरिए आसमान में 400 से 500 किमी दूर तक की गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है। पाकिस्‍तान हो या चीन, भारत में रहकर ही इनकी हवाई निगरानी की जाती है। रात में एक्शन लिया जाए तो इन जहाजों में तैनात जवानों को कोई देख भी नहीं सकता है।

एयरबेस को सीमा के नजदीक ही बनाया जाता है ताकि अचानक होने वाले हमलों का जवाब तुरंत दिया जा सके। इंडियन एयरफोर्स का आगरा एयरबेस एशिया में सबसे बड़ा है।

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इसमें 250 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और 6 हजार कर्मचारी तैनात हैं। इस एयरबेस में देश का एकमात्र पैराशूट ट्रेनिंग सेंटर है। इसमें बांग्‍लादेश, श्रीलंका समेत कई देशों के जवान पैराशूट की मदद से विमान से आसमान में कूदने की ट्रेनिंग लेते हैं।