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शहीद की मां ने कहा- अपने बेटों को पुलिस विभाग में भेजते रहेंगे

Saraikela Naxal Attack: ‘शहीद होना एक गर्व की बात है शुरू से ही हमारे घर में देश सेवा का भाव है। आने वाले समय में भी हम अपने पुत्रों को पुलिस विभाग में भेजते रहेंगे।’ यह बात नक्सली हमले में शहीद हुए देश के एक वीर जवान की मां ने कही है। यकीनन वीर शहीद की मां के ये बोल नक्सलियों की नींद उड़ा रहे होंगे। बात बीते शुक्रवार (14 जून, 2019) को राज्य के सरायकेला जिला के तिरूल्डीह थाना क्षेत्र में कुकड़ू साप्ताहिक हाट के दौरान कायर नक्सलियों के हमले में शहीद हुए युधिष्ठिर मलुवा की हम कर रहे हैं। पूरा देश शहीद युधिष्ठिर मलुवा की कुर्बानी को ता-उम्र याद रखेगा।

नक्सली हमले में शहीद चाईबासा के सदर प्रखंड के बड़ालगिया निवासी युधिष्ठिर मलुवा का पार्थिव शरीर शनिवार को पैतृक गांव में दफना दिया गया। शहीद का शव पहुंचते ही पूरा गांव गमगीन हो गया एवं सभी की आंखें गमगीन हो गईं। युधिष्ठिर की पत्नी निरुमा मालुवा को रो-रो कर बुरा हाल था। हेड क्वार्टर डीएसपी अरविंद कुमार के नेतृत्व में शहीद के पार्थिव शरीर को लाया गया था। शहीद युधिष्ठिर अपने सात भाइयो में पांचवें नंबर पर थे। सबसे बड़े भाई दयानंद मालुवा है, दूसरे भूषण चंद्र जो झारखंड पुलिस का जवान है, तीसरे नंबर पर हरि कीर्तन मालुवा चौथे नंबर पर राम भगत मालुवा, छठे नंबर पर बंशीधर मालुवा हैं और सबसे छोटे भाई विशेश्वर मालुवा हैं। सभी भाइयों ने अपने शहीद भाई को याद किया। यहां पूर्व मंत्री सहित वरीय पुलिस अधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।

शहीद की पत्नी गर्भवती हैं और उनके घर नया मेहमान आने वाला है। लेकिन यह खुशी देखने के लिए उनके पति अब जिंदा नहीं है। शहीद का दूसरा पुत्र पाताहातु स्थित विवेकानंद स्कूल में यूकेजी का छात्र है। साल 2009 में झारखंड पुलिस की नौकरी करने के बाद से ही युधिष्ठिर हमेशा अपने काम को लेकर संजीदा रहे हैं। शहीद युधिष्ठिर की शिक्षा चाईबासा स्थित टाटा कॉलेज में हुई थी। उन्होंने लूथरन स्कूल में दसवीं की पढ़ाई करने के बाद इंटर की पढ़ाई टाटा कॉलेज चाईबासा से की। घर में माहौल बेहद गमगीन है लेकिन इस दुख की बेला पर शहीद की मां ने जो कुछ भी कहा वो यकीनन गर्व से सीना चौड़ा करने वाला है।

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