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Vijay Diwas 2020: जमीन पर गिरते ही टूट गई थी रीढ़ की हड्डी, पाकिस्तानी सेना की कैद में ऐसा था अनुभव

फाइल फोटो।

India Pakistan War 1971: पाकिस्तान की कैद में आने के बाद उनका सबसे पहले इलाज करवाया गया और इसके बाद जेल में डाल दिया गया। उन दिनों को याद करते हुए नंदा (Nanda Cariappa) ने 2015 में आउटलुक के लिए एक लेख लिखा था। 

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में लड़े गए युद्ध के दौरान फ्लाइट लेफ्टिनेंट नंदा करियप्पा (Nanda Cariappa) ने अहम भूमिका निभाई थी। जंग के दौरान उनका विमान दुश्मन के हमले में क्षतिग्रस्त हो गया था। इसके बाद उन्होंने विमान से इजेक्ट किया और वे पाकिस्तानी सीमा में जा गिरे थे। गिरने के साथ ही उनकी रीढ़ की हड्डी टूट गई थी।

पाकिस्तान की कैद में आने के बाद उनका सबसे पहले इलाज करवाया गया और इसके बाद जेल में डाल दिया गया। उन दिनों को याद करते हुए नंदा ने 2015 में आउटलुक के लिए एक लेख लिखा था। इस लेख में उन्होंने युद्धबंदी के तौर पर अपने अनुभव को साझा किया है।

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वे लेख में बताते हैं, “जब मुझे पकड़ा गया तो मैंने मानक प्रक्रिया के मुताबिक अपना नाम और रैंक बताई। पाकिस्तान जवानों ने मेरे सरनेम के लिए भी मुझसे पूछा। उन्हें लग ही रहा था कि मैं फील्ड मार्शल केएम करियप्पा का बेटा हूं। बाद में उनका ये अनुमान सच साबित हुआ। जैसे-जैसे वक्त बितता गया उन्हें पता लगता गया कि मैं कौन हूं।”

वे आगे बताते हैं, “जब मैं पाकिस्तानी जमीन पर गिरा तो कुछ देर तक मुझे होश था। लेकिन मेरे ऊपर हुई सवालों की बौछार के बाद मैं बेहोश हो गया। इसके बाद मैंने खुद को एक अस्पताल के बिस्तर और कष्टदायी पीड़ा में पाया था। यह लाहौर का सैन्य अस्पताल था। अगले दिन मुझे ऑपरेशन थियेटर में ले जाया गया और बताया गया कि मेरी चोट कितनी गहरी है।”

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 नंदा करियप्पा (Nanda Cariappa) आगे बताते हैं, “मुझे ‘एकांत’ में रखा गया था। फील्ड मार्शल करिअप्पा का बेटे होने की वजह से मुझे अलग से ट्रीटमेंट दिया जा रहा था, जिसका मैंने खंडन किया। मुझसे कई तरह के सवाल पूछे गए थे लेकिन मैंने उनका ही जवाब दिया जिनसे भारत की रक्षा हो सके।”