Vijay Diwas 2020: साल 1971 से पाकिस्तान की कैद में हैं लांस नायक मंगल सिंह, 49 साल बाद मिली जिंदा होने की खबर

साल 1971 की जंग में भारत को जीत मिली थी और पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश का निर्माण हुआ था। इस युद्ध में पाकिस्तान ने भारतीय सेना (Indian Army) के सामने सरेंडर किया था। पर, कई भारतीय सैनिक पाकिस्तान की कैद में भी गए थे। उन्हीं में से एक हैं मंगल सिंह (Lance Naik Mangal Singh)।

Lance Naik Mangal Singh

जालंधर के दातार नगर के लांस नायक मंगल सिंह (Lance Naik Mangal Singh) की पत्नी उनकी राह देखती रही। उस वक्त सत्या की गोद में दो बेटे थे। सत्या ने पति के इंतजार में कई दशक गुजार दिए।

साल 1971 की जंग में भारत को जीत मिली थी और पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश का निर्माण हुआ था। इस युद्ध में पाकिस्तान ने भारतीय सेना (Indian Army) के सामने सरेंडर किया था। पर, कई भारतीय सैनिक पाकिस्तान की कैद में भी गए थे। उन्हीं में से एक हैं मंगल सिंह (Lance Naik Mangal Singh)। मंगल सिंह 1971 की जंग में लापता हो गए थे और बाद मे पाकिस्तानी सेना ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।

उस वक्त मंगल की उम्र महज 27 साल थी। मंगल सिंह 1962 के आसपास व भारतीय सेना मे भर्ती हुए थे। 1971 में लांस नायक मंगल सिंह (Lance Naik Mangal Singh) को रांची से कोलकाता ट्रांसफर कर दिया गया था और बांग्लादेश के मोर्चे पर उनकी ड्यूटी लग गई। कुछ दिन बाद सेना से टेलीग्राम आया कि बांग्लादेश में सैनिकों को ले जा रही एक नाव डूब गई और उसमें सवार मंगल सिंह समेत सभी सैनिक मारे गए।

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जालंधर के दातार नगर के लांस नायक मंगल सिंह (Lance Naik Mangal Singh) की पत्नी उनकी राह देखती रही। उस वक्त सत्या की गोद में दो बेटे थे। सत्या ने पति के इंतजार में कई दशक गुजार दिए। उन्होंने रिहाई के लिए हर संभव कोशिश की, पर कोई मदद नहीं मिल पाई। सत्या देवी ने बच्चों को पालने के साथ पति के इंतजार की उम्मीद नहीं छोड़ी।

सत्या ने भारत सरकार को कई पत्र भेजने के कई साल बाद उनकी कोशिशें रंग लाईं। अब 49 साल बाद पिछले सप्ताह राष्ट्रपति व विदेश मंत्रालय कार्यालय की तरफ से खत भेजकर 75 साल की सत्या को उनके पति के जिंदा होने की जानकारी दी गई है। विदेश मंत्री द्वारा मिली एक चिट्ठी से उनकी उम्मीद फिर से जगी है।

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विदेश मंत्रालय ने बताया है कि मंगल सिंह (Lance Naik Mangal Singh), पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में बंद हैं। पाकिस्तान सरकार से बात कर उनकी रिहाई की कोशिशों में तेजी लाई जाएगी। सत्या और उनके दो बेटे पिछले 49 साल से मंगल को देखने की राह देख रहे थे, अब उनको उम्मीद है कि वह जल्द लौटेंगे और उन्होंने सरकार से इसके लिए अपील भी की है।

विदेश मंत्रालय की चिट्ठी मिलने के बाद सत्या का कहना है कि अब उन्हें उम्मीद बंधी है कि पाकिस्तान की जेल से उनके पति की रिहाई होगी और हम उनसे मिल सकेंगे। उन्होंने कहा कि बच्चों का पालन पोषण करने में उन्हें काफी संघर्षों का सामना करना पड़ा, लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी। अब मुझे उम्मीद है कि मेरे पति जल्द ही वापस लौटेंगे।

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मंगल सिंह के बेटे दलजीत सिंह भी सेना में थे, जो अब रिटायर्ड हो चुके हैं। मंगल सिंह (Lance Naik Mangal Singh) के बेटे रिटायर्ड फौजी दलजीत सिंह ने कहा कि पिछले 49 सालों के दौरान हमने अपने पिता की रिहाई के लिए काफी कोशिश की, लेकिन अभी तक कोई कामयाबी नहीं मिल सकी। उनका कहना है कि 1971 में मैं सिर्फ 3 साल का था और तभी से अपने पिता को देखने का इंतजार कर रहा हूं।

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