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India Pakistan War 1971: लेफ्टिनेंट जनरल एच एस पनाग का ऐसा था अनुभव, पहले युद्धबंदी को भी इन्होंने ही पकड़ा था

लेफ्टिनेंट जनरल एच.एस. पनाग

India Pakistan War 1971: इस युद्ध में भारतीय सेना को जीत हासिल हुई थी। पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश का निर्माण हुआ था। लेफ्टिनेंट जनरल एच एस पनाग (H S Panag) युद्ध के दौरान सिख रेजीमेंट की चौथी बटालियन (4 सिख) का ‘एड्जुटैंट’ थे।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में लड़े गए भीषण युद्ध में लेफ्टिनेंट जनरल एच एस पनाग (H S Panag) ने भी हिस्सा लिया था। इस युद्ध में भारतीय सेना को जीत हासिल हुई थी। पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश का निर्माण हुआ था। लेफ्टिनेंट जनरल एच एस पनाग युद्ध के दौरान सिख रेजीमेंट की चौथी बटालियन (4 सिख) का ‘एड्जुटैंट’ थे।

वे युद्ध के दिनों को याद कर बताते हैं, “युद्ध के दौरान जेस्सोर से 15-20 किमी उत्तर-पश्चिम में चौगाचा में काबाड़ाक नदी के पास हमने एक युद्धबंदी को पकड़ा था। दरअसल, युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना के तीन सेबर विमान हम पर हमला करने की फिराक में थे। लेकिन हमारी नजर इन विमानों पर तय समय पर पड़ गई थी।”

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वे आगे बताते हैं, “हमने एक-एक सेबर को निशाना बनाकर उनका पीछा किया था और उन पर 20 एमएम के गोले दागे थे। लिहाजा तीन विमान दुर्घटना ग्रस्त हो गए थे। इनमें से एक विमान तो किसी तरह ढाका पहुंचने में कामयाब रहा, तो वहीं एक पाकिस्तानी पायलट पैराशूट के जरिए हमारे अधिकार क्षेत्र में पहुंच गया था।”

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लेफ्टिनेंट जनरल एच एस पनाग (H S Panag) आगे बताते हैं, “मैंने जैसे ही यह देखा मैं तुरंत उसके पास पहुंचा। मेरे चार साथी जवान उसे पीट रहे थे। लेकिन मैंने उनसे कहा कि यह एक युद्धबंदी है, लिहाजा इसके साथ जेनेवा समझौते के तहत व्यवहार किया जाएगा। उस पायलट का नाम  फ्लाइट ले. परवेज कुरैशी मेंहदी था। वह ढाका में तैनात पीएएफ के 14 स्क्वाड्रन का स्क्वाड्रन कमांडर था। उसे करीब डेढ़ साल तक कैद में रखा गया था।”