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Kargil War: कई जांबाजों की शहादत के बाद मिली थी तोतलिंग पर जीत, रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल मोहिंदर पुरी से जानें किस्सा

Kargil War: रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल मोहिंदर पुरी ने एक न्यूज वेबसाइट से बातचीत में इस पोस्ट पर किस तरह टू राजपूताना ब्रिगेड ने कब्जा किया था इसका जिक्र किया है।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध में सेना ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था। भारतीय सेना ने अपने पराक्रम के जरिए दुनिया को यह संदेश दिया था कि हमारी तरफ आंख उठाने वालों का क्या हाल होता है।

इस युद्ध में अलग-अलग ऑपरेशन लॉन्च कर कई पोस्ट पर कब्जा किया गया था। ये वे पोस्ट थीं जिनपर पाकिस्तानी सेना ने धोखे से कब्जा कर लिया था। ऐसी ही एक पोस्ट तोतलिंग भी थी। यह सामरिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण थी।

इस पोस्ट की अहमियत का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि जिसपर इसका कब्जा होता वह आधी जंग पहले ही जीता हुआ माना जाता था। इस पोस्ट पर भी पाकिस्तानी सेना ने धोखे से कब्जा कर रखा था। तोलोलिंग लाइन ऑफ कम्युनिकेशन से 4-5 किलोमीटर की दूरी पर ऊंचाई में है।

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रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल मोहिंदर पुरी ने एक न्यूज वेबसाइट से बातचीत में इस पोस्ट पर किस तरह टू राजपूताना ब्रिगेड ने कब्जा किया था इसका जिक्र किया है। वे बताते हैं कि 18 ग्रेनेडियर्स तोलोलिंग पर कब्जा नहीं कर पा रही थी। इसके बाद हमने टू राजपूताना राइफल को यह टास्क दिया था।

वह बताते हैं ‘कारगिल की जंग में तोलोलिंग की विजय ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह जीत कई जांबाज जवानों की शहादत के बाद मिली थी। 12 जून को यह टारगेट दिया गया था और 13 जून तक मेरे पास फोन आ गया था कि तोतलिंग पर कब्जा कर लिया गया। जिस वक्त मेरे पास फोन आया था तब मैं हेडक्वार्टर में था। हालांकि युद्ध में जीत हमें कई जवानों की शहादत के बाद मिली थी।’