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कारगिल दिवस: जब सरसावा के चार जवानों ने दुश्मन देश के ठिकानों पर किया था हमला

कारगिल दिवस (सरसावा): भारतीय सेना जब-जब पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध के मैदान में उतरी दुश्मन देश के छक्के छुड़ा दिए। भारतीय सैनिकों का जज्बा और पराक्रम देख दुश्मन देश आज भी कांप उठता है। पाकिस्तानी सैनिकों को एक-एक कर मार गिराकर सेना (Indian Army) ने 1999 में कारगिल (Kargil) फतह किया। इस युद्ध में भारत के भी जवान शहीद हुए जैसा की हर युद्ध में होता है।

युद्ध में दोनों देशों के सैनिक शहीद होते हैं लेकिन हारने वाले के ज्यादा सैनिक और जीतने वाले के कम। ऐसा ही अमूमन देखने को मिलता रहा है। कारगिल (Kargil) के शहीदों को जिक्र हो तो उत्तर प्रदेश के सरसावा के चार जांबाजों के प्राणों की आहुति को कभी नहीं भूलाया जा सकता। कारगिल युद्ध (Kargil War) के दौरान सेना ने कई ऑपरेशन को अंजाम दिया था। ऐसे ही ‘ऑपरेशन विजय’ में वायु सेना स्टेशन सरसावा के चार जांबाज योद्धा वीरगती को प्राप्त हुए थे।

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इनमें स्क्वाड्रन लीडर राजीव पुण्डीर, फ्लाइट लेफ्टिनेंट एस मुहीलन, सार्जेंट पीवीएन आर प्रसाद, तथा साजेंर्ट आर के साहू ने अपने प्राण त्याग कर दुश्मन देश के ठिकानों पर हमला किया था। इन शहीदों ने साहस का परिचय देते हुए तोलोलिंग की बर्फीली चोटियों पर छिपे आंतकियों के ठिकानों पर अपने हेलीकॉप्टर की पूरी क्षमता के साथ वार किया था।

ऑपरेशन के दौरान ही 28 मई, 1999 को को वह शहीद हो गए थे। इन साहसी अमर शहीदों की याद में 28 मई का दिन वायु सेना स्टेशन सरसावा में शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। उनकी इस शहादत पर वायु सेना (Indian Air Force) उन पर आज भी गर्व करता है। हर साल हैलिकाप्टर से शहीदों के स्मारक स्थल पर पुष्प वर्षा भी की जाती है। इसके साथ ही इन शहीदों की याद मे कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते रहे हैं, जिसका सिलसिला बीते कई साल से लगातार जारी है।