Hindi News (हिंदी समाचार), News in Hindi, Latest News In Hindi

इस तरह तोलोलिंग के लिए हुआ था प्लान तैयार, 1999 की जीत का अहम हिस्सा रही ये फतह

Kargil War (File Photo)

Kargil War: कारगिल की लड़ाई में तोलोलिंग की जीत बहुत जरूरी थी तो गलत नहीं होगा। यह सामरिक रूप से बेहद ही महत्वपूर्ण जगह थी। भारतीय सेना इस पर लगातार फतेह की कोशिश कर रही थी।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। दुनिया इसे कारगिल युद्ध के नाम से जानती है। भारत ने इस युद्ध में शानदार प्रदर्शन किया और जीत हासिल की। पाकिस्तान ने धोखे से कारगिल की कई अहम पोस्टों पर कब्जा कर लिया था जिनमें से एक तोतलिंग भी थी।

यूं कहें कि कारगिल की लडड़ाई में तोलोलिंग की जीत बहुत जरूरी थी, तो गलत नहीं होगा। यह सामरिक रूप से बेहद ही महत्वपूर्ण जगह थी। भारतीय सेना इस पर लगातार फतेह की कोशिश कर रही थी।

सियाचिन: जहां सांस लेनी भी बहुत मुश्किल, विजिबिलिटी शून्य से भी नीचे; फिर भी डटे रहते हैं जवान

1 जून, 1999 को लेफ्टिनेंट जनरल मोहिंदर पुरी की डिविजन को द्रास सेक्टर की जिम्मेदारी सौंपी गई थी वहीं 2 राजपुताना राइफल्स के सीओ कर्नल रवींद्रनाथ ने तोलोलिंग की जीत के लिए खास प्लान भी तैयार किया था।

प्लान को जब मोहिंदर पुरी ने देखा तो उन्होंने इसे मंजूरी दे दी थी। इसके लिए अफसरों के बीच कई घंटे बातचीत हुई थी और एक सटीक प्लान बनाया गया था। 7 से 10 दिन में यूनिट्स को ट्रेंड किया गया था इसके अवावा आर्टिलरी को जुटाया गया था, सैनिकों को रेकी करने की ट्रेनिंग दी गई थी।

ये भी देखें-

कारगिल पहाड़ियों से घिरा इलाका है तो इस इलाके के पूरे नक्शे को देखकर अफसरों ने जीत की पटकथा लिखी थी।  इसके बाद सबकुछ प्लान के मुताबिक ही हुआ और 13 जून, 1999 को तोलोलिंग पर कब्जा कर लिया गया था।