Indo-China War 1962: भारतीय सैनिकों के पास ठंड से बचने के लिए न ही कपड़े थे और न ही जूते। नतीजन भारत को भारी नुकसान झेलना पड़ा। इस युद्ध में हमारे 1,300 सैनिक शहीद हुए थे।
भारत और चीन के बीच साल 1962 में लड़े गए युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) की हार हुई थी। इस युद्ध में भारत जंग के मैदान में उतर तो गया था लेकिन बिना किसी तैयारी के हार ही नसीब हुई। चीनी सैनिक पूरी तरह और भारी संख्या में भारतीय सरजमीं पर घुस गए थे।
चीन ने इस युद्ध में मॉर्डन हथियारों का इस्तेमाल किया था जबकि भारतीय सैनिकों के पास पूरी मात्रा में पुराने हथियार भी नहीं थे। चीन हमेशा से विस्तारवाद की नीति पर चलता आया है और आज तक वह इसी रणनीति पर दूसरे देशों की जमीन पर अपना कब्जा जमा लेता है।
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युद्ध (Indo-China War 1962) में भारतीय सेना बिना किसी तैयारी के चीन की एडवांस सेना से भिड़ी थी। चीनी सैनिकों को उनकी ही भाषा में जवाब दिया गया था। चीनी सैनिक पूरी तैयारी के साथ आए थे। इस युद्ध में करीब एक महीने संघर्ष करने के बाद भारत हार गया था।
भारतीय सैनिकों के पास ठंड से बचने के लिए न ही कपड़े थे और न ही जूते। नतीजन भारत को भारी नुकसान झेलना पड़ा। इस युद्ध में हमारे 1,300 सैनिक शहीद हुए थे। डेढ़ हजार सैनिक लापता हो गए थे और करीब चार हजार सैनिक बंदी बना लिए गए थे।
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इसके अलावा एक हजार सैनिक घायल हो गए थे। वहीं, चीन के करीब 700 सैनिक मारे गए थे और डेढ़ हजार से ज्यादा घायल हुए थे। भारत की करीब 43 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन पर भी चीन ने कब्जा कर लिया था। हमें रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण अक्साई चिन को भी गंवाना पड़ा था।